मुम्बई। भले ही बॉलीवुड अभिनेता अमजद खान अपने 51वें जन्मदिवस के मौके पर आज शारीरिक तौर पर हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका निभाया यादगार किरदार गब्बर आज भी जीवित है। फिल्म शोले का गब्बर सिंह ऐसा नाकारात्मक किरदार है, जिसको लोग सकारात्मक किरदारों से भी अधिक प्यार करते हैं।
गब्बर सिंह के किरदार को अमजद खान ने इतनी तल्लीन के साथ निभाया था कि लोग आज भी अमजद खान को गब्बर के नाम से जानते हैं। इसलिए हम कहते हैं कि भले अमजद खान नहीं रहे लेकिन गब्बर तो आज भी जिन्दा है। गब्बर की लोकप्रियता का अंदाजा तो इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों ने तो गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण तक तैयार कर लिया है।
कहते हैं कि एक फिल्म अभिनेता जयंत का बेटा होने के बावजूद सिने जगत के अद्भुत सितारों में शामिल अमजद खान ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत थिएटर से की थी।
12 नवंबर 1940 को पैदा हुए अमजद खान को पहला किरदार नजनीन नामक फिल्म में मिला था, तब अमजद खान की उम्र 11 साल थी जबकि दूसरी बार 17 साल की उम्र में फिल्म में अभिनय करने का मौका मिला।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि अमजद खान जिस किरदार (गब्बर) के लिए जाने जाते हैं, उसी किरदार के लिए उनको कथित तौर पर जावेद अख्तर ने नकार दिया था क्योंकि अमजद खान की आवाज में दम नहीं था।
कहा जाता है कि कितने आदमी थे? संवाद बोलने के लिए अमजद खान ने 40 रीटेक लिये थे।
अभिनय के साथ साथ अमजद खान ने निर्देशन में भी हाथ अजमाया। अमजद खान ने चोर पुलिस नामक फिल्म का निर्देशन किया।
1986 में अमजद खान द ग्रेट गैंबलर की शूटिंग के लिए जा रहे थे, और मुम्बई गोवा सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद अभिनेता शारीरिक तौर पर अस्वस्थ रहने लगे। अभिनेता का वजन तेजी के साथ बढ़ने लगा और 27 जुलाई 1992 को दिल का दौरा पड़ने से अभिनेता की मौत हो गई।