क्‍या सच में नातिन और पोती के लिए है बिग बी का खुला पत्र ?

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मुंबई। मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी पोती आराध्या और नातिन नव्या नवेली नंदा को खत के माध्यम से जीवन का सारांश समझाया।

अपनी नाती पोती के नाम लिखे खत में अमिताभ बच्‍चन ने कहा कि चूंकि तुम दोनों लड़की हो, इसलिए दुनिया वाले हमेशा तुम पर अपनी सीमाएं थोपेंगे। लेकिन तुम्हें अपने फैसले खुद लेने हैं।

अमिताभ बच्‍चन ने कहा कि पारिवारिक नाम से जो विशेष पहचान तुम्हें मिली है, वह तुम्हें उन मुश्किलों से नहीं बचा सकतीं, जिनका सामना तुम्हें महिला होने के नाते करना होगा।

73 वर्षीय अभिनेता ने उन्हें सलाह देते हुए कहा कि कभी लोगों के फैसलों की छाया में न रहना। अपनी समझदारी से अपने फैसले खुद करना।

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शिक्षक दिवस के मौके पर ‘पा’ अभिनेता ने अपनी नातिन और पोती के नाम खुला पत्र लिखा। अमिताभ बच्‍चन ने कहा कि महिलाओं के लिए इस दुनिया में रहना बेहद मुश्किल है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम्हारी जैसी महिलाएं इन हालात को बदलेंगी।

पत्र में बिग बी लिखते हैं, “मेरी बेहद प्रिय नव्या और आराध्या, तुम दोनों अपने नाजुक कंधों पर बेहद बेशकीमती विरासतों को लेकर चल रही हो। आराध्या! तुम्हारे पास तुम्हारे परदादा डॉ. हरिवंशराय बच्चन की विरासत है, और नव्या! तुम्हारे पास तुम्हारे परदादा एचपी नंदा की विरासत है।

“तुम दोनों के परदादाओं ने तुम्हारे मौजूदा पारिवारिक नामों को पहचान, सम्मान और शोहरत दी! तुम दोनों नंदा या बच्चन हो सकती हो, लेकिन तुम लड़कियां भी हो, महिला! और चूंकि तुम महिला हो, लोग अपनी सोच, अपनी सीमाएं तुम पर थोपेंगे।

Amitabh Bachchan new look

नव्या नवेली अमिताभ की बेटी श्वेता बच्चन की बेटी है, उनका एक बेटा भी है, जिसका नाम अगस्त है और आराध्या अभिषेक और एश्वर्य राय बच्चन की बेटी है।

अमिताभ बच्‍चन ने यह भी कहा, “मेरे लिए खुशी की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन नहीं, तुम्हारे दादा के रूप में जाना जाऊं।”

पत्र में आगे पिंंक अभिनेता ने लिखा, “वे तुम्हें बताएंगे, तुम्हें कैसी पोशाक पहननी चाहिए, तुम्हें कैसे बर्ताव करना चाहिए, तुम्हें किससे मिलना चाहिए, तुम्हें कहां जाना चाहिए, कहां नहीं। लोगों के फैसलों की छाया में नहीं रहना। अपनी समझ से अपने फैसले खुद करना। किसी को भी तुम्हें यह एहसास मत दिलाने देना कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई से तुम्हारे चरित्र को जांचा या मापा जा सकता है।”

“तुम्हें किससे दोस्ती करनी चाहिए किससे नहीं, इसे लेकर किसी दूसरे की सलाह से अपने दोस्त तय नहीं करना। शादी सिर्फ इसी वजह से करना, क्योंकि तुम ऐसा करना चाहती हो, किसी भी और वजह से नहीं। लोग बातें करेंगे। वे बहुत बुरी बातें भी कहेंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम्हें सबकी सुननी होगी। कभी इस बात की चिंता मत करना कि लोग क्या कहेंगे!”

“आखिरकार, तुम्हें ही अपने फैसलों का अच्छा-बुरा परिणाम भुगतना होगा, इसलिए किसी भी और को अपने फैसले मत करने देना।”

“नव्या! तुम्हारे नाम और पारिवारिक नाम से जो विशेष पहचान तुम्हें मिली है, वह तुम्हें उन मुश्किलों से नहीं बचा सकतीं, जिनका सामना तुम्हें महिला होने के नाते करना होगा।”

abhishek bachchan family

जय बच्‍चन के जीवन साथी ने चार वर्षीय आराध्या के लिए लिखा, “जब तक तुम इस खत को पढ़ने और समझने लायक होगी, तब तक मैं शायद यहां न रहूं, लेकिन मुझे लगता है कि जो कुछ भी मैं कह रहा हूं, वह तब भी प्रासंगिक होगा। महिलाओं के लिए इस दुनिया में रहना बहुत-बहुत मुश्किल हो सकता है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन हालात को बदल डालेंगी।”

“तुम दोनों के लिए अपनी सीमाएं तय करना, अपने फैसले खुद लेना, लोगों के फैसलों को नकारकर ऊपर उठना आसान नहीं होगा। लेकिन तुम पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती हो। ऐसा कर दिखाओ, और तुम्हारी उपलब्धि मेरी सारी उम्र की उपलब्धियों से कहीं ज्यादा साबित होगी। और यह मेरे लिए बेहद सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के तौर पर नहीं, तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं।
-आईएएनएस

चलते चलते Filmikafe का मानना है कि यदि अमिताभ बच्‍चन को नातिन और पोती के लिए लिखना था या उनको समझाना था तो अमिताभ बच्‍चन इसको किसी गुप्‍त डायरी में लिखते। मगर, अमिताभ बच्‍चन ने ऐसा नहीं किया क्‍योंकि उनका लक्ष्‍य देश की हर नव्‍या और हर आराध्‍या तक अपनी आवाज पहुंचाना था। अमिताभ बच्‍चन का कदम सराहनीय है। जब कोई प्रभावशाली व्‍यक्‍ति बात कहता है तो उस बात का वजन अपने आप बढ़ जाता है। आज अमिताभ बच्‍चन देश के दिग्‍गज अभिनेताओं में से एक हैं। करोड़ों लोगों के प्रेरणा स्रोत हैं।