स्टारडम के साथ सितारों की भूख भी बढ़ती जा रही है। इस दौड़ में निर्माता भी सक्रिय हो चुके हैं। अब पहले से त्योहार और छुट्टियों को बुक किया जाने लगा है, अपनी फिल्मों के लिए। रुस्तम की सफलता का आनंद ले रहे अक्षय कुमार ने 15 अगस्त 2016 को अपनी अगली फिल्म क्रैक की रिलीज डेट घोषित कर दी। वैसे देखा जाए तो पिछले कुछ सालों से अक्षय कुमार को 15 अगस्त और 26 जनवरी काफी रास आ रहे हैं। हालांकि, ऐसा नहीं कि 15 अगस्त 2017 से पहले अक्षय कुमार की कोई फिल्म रिलीज नहीं होगी, उससे पहले रोबोट 2, टॉयलेट एक प्रेम कथा, जॉली एलएलबी 2 रिलीज हो सकती हैं। मगर, अक्षय कुमार ने 15 अगस्त 2017 को विशेष रूप से अपने लिए बुक कर लिया। अब कोई दूसरा स्टार फिल्म रिलीज करने का एलान करता है तो अपने रिस्क पर करे।
इतना ही नहीं, अजय देवगन तो इससे पहले ही दीवाली 2018 तक की तारीख बुक किए हुए हैं। जी हां, अजय देवगन जिस फिल्म को दीवाली 2017 को रिलीज करने वाले थे, उसको खिसकाकर दीवाली 2018 तक पहुंचा दिया और दीवाली 2017 को गोलमाल 4 के साथ मनाएंगे। दीवाली 2016 तो शिवाय के साथ मनाने जा ही रहे हैं। अजय देवगन ने दीवाली 2017 के लिए सन्स ऑफ सरदार की घोषणा की थी। मगर, अपनी डेट्स रोहित शेट्टी निर्देशित गोलमाल 4 को देकर सन्स ऑफ सरदार को दीवाली 2018 तक खिसका दिया। अब जिसकी मर्जी हो, आकर अजय देवगन से बॉक्स ऑफिस पर टकराए।
अजय देवगन के बाद बात करते हैं बॉलीवुड के दबंग अभिनेता सलमान ख़ान की, जो आजकल कबीर ख़ान के साथ ट्यूबलाइट बनाने में व्यस्त है। इस ईद सुलतान के साथ बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाने वाले सलमान ख़ान अगले साल की ईद ट्यूबलाइट के साथ मनाएंगे, पूर्व में घोषणा हो चुकी है। अगले साल की ईद ही नहीं बल्कि ईद 2018 पर भी सलमान ख़ान ही बॉक्स ऑफिस पर टाइगर जिन्दा है! के साथ उतारेंगे। इस फिल्म का निर्देशन सुलतान बना चुके अली अब्बास जाफर करेंगे। इस फिल्म का निर्माण यशराज बैनर करेगा, जो शाह रुख़ ख़ान के साथ बॉक्स ऑफिस पर दीवाली मनाने के लिए जाना जाता था।
स्टारडम और सिने दर्शकों की उम्मीदें बढ़ जाने के कारण सितारों पर भी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। मगर, ऐसा भी तो नहीं होना चाहिए कि छोटे सितारों के लिए जगह ही न बचे। बड़े सितारे बड़े बैनर और बड़े प्रचार के साथ आते हैं, ऐसे में कम बजट या साधारण बजट की अच्छी फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर नहीं टिक पाती। हालांकि, गला काट दौड़ के कारण कई बार बड़े बैनरों को हाथ भी जलाने पड़े हैं।