जन्‍मदिवस विशेष : बालपन से ही गा रही हैं साधना सरगम

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उदित नारायण के साथ मिलकर ‘पहला नशा पहला खुमार’ नामक गीत गाने वाली साधना सरगम ने चार दशकों के अपने करियर में दर्शकों के दिलों पर अपने सुरीले नगमों की छाप छोड़ी। उनके मधुर तरानों ने सभी को अपना दीवाना बनाकर उन्हें झूमने पर मजबूर कर दिया।

साधना सरगम भारतीय सिनेमा की जानी-मानी पाश्र्वगायिका हैं। उन्होंने महज 6 साल की उम्र में दूरदर्शन के लिए ‘सूरज एक चंदा एक तारे अनेक’ नामक गीत गाया, जो काफी लोकप्रिय भी रहा। उनके मधुर तराने ने बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया।

साधना सरगम का नाम भी उन्हीं के सुरमय गीतों जैसा है। उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपने मधुर तरानों से समा बांधा। फिल्मी संगीत के अलावा उन्हें भक्तिगीत, शास्त्रीय संगीत, गजल, क्षेत्रीय फिल्म के गाने और पॉप अल्बम में भी विशेष रुचि रही है।

साधना का जन्म महाराष्ट्र के दाभोल में 7 मार्च, 1962 में एक संगीतकारों के परिवार में हुआ। साधना सरगम का असली नाम साधना पुरुषोत्तम घाणेकर है। साधना ने 4 साल की उम्र में प्रतिष्ठित संगीत समारोह सवाई गंधर्व पर अपने संगीत की प्रस्तुति दीं। साधना बचपन से ही संगीत की शौकीन रही हैं।

साधना शास्त्रीय गायक और संगीत शिक्षक नीला घाणेकर की बेटी हैं, उन्हें अपने घर से ही संगीत की प्रेरणा मिली। साधना ने चार साल की उम्र में गायिकी और शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर दिया। उन्होंने पंडित जसराज से संगीत सीखा।

साधना ने अब तक 536 फिल्मों में 1,546 हिंदी एवं 1,111 तमिल में गीत गाए। उन्होंने कथित तौर पर 1994-2015 तक 2500 बांग्ला गीत और मराठी में 3467 गाने गाए हैं। उन्होंने 34 भारतीय भाषाओं में 15000 गीत गाए हैं।

उल्लेखनीय है 1990 के दशक में साधना सरगम को हिंदी गाने और दक्षिण भारतीय गीतों के लिए जाना जाता है। साधना सरगम ने 1980 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने हिंदी, तमिल, मराठी, तेलुगू, बांग्ला, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, नेपाली और कई अन्य भारतीय गीतों को अपनी आवाज दी है।

साधना ने ‘पहला नशा पहला खुमार’, ‘दर्द करारा’, ‘साईं राम साईं श्याम साईं भगवान’, ‘बिन साजन झूला झूलूं’, ‘धीरे धीरे आप मेरे’, ‘चंदा रे चंदा रे’, ‘हमको मालूम है’, ‘माही वे’, ‘क्या मौसम आया है’, ‘सलाम-ए-इश्क’, ‘अंगना में बाबा’, ‘मेरी नींद मेरा चैन’, ‘तेरा नाम लेने की’, ‘तुझसे क्या चोरी है’, ‘आइये आपका इंतजार था’, ‘सुनो मियां सुनो’, ‘सात समुंदर पार’, ‘ऐतबार नहीं करना’ जैसे कई मधुर गीतों को अपने सुरीले स्वर से संवारा है।

पाश्र्वगायिका साधना सरगम ने कई पुरस्कार हासिल किए हैं, उन्होंने 2002 में सर्वश्रेष्ठ महिला पाश्र्व गायिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। वह दो फिल्मफेयर पुरस्कार, फिल्मफेयर पुरस्कार-दक्षिण, जी सिने अवार्डस के साथ कई नामी-गिरामी पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं।

साधना सरगम इन दिनों भी सक्रिय हैं और बेहतरीन गीतों से दर्शकों का मनोरंजन कर रही हैं। (आईएएनएस)