CBFC से ‘बच्चों’ को बाहर करने का समय : अनुराग

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पिछले दिनों अपनी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को अदालत में घसीटने वाले फिल्मकार अनुराग कश्यप का कहना है कि जब निहलानी जैसा ‘सठियाया हुआ’ और ‘अनाड़ी व्यक्ति’ सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष हो तो फिल्मकारों को सीधे अदालत के पास जाने का अधिकार मिलना चाहिए। दोनों एक बार फिर आमने-सामने हैं।

अनुराग (43) ने यहां एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, “हमें यह अधिकार दीजिए कि अगर हम एक वयस्क फिल्म बना रहे हों और ‘ए’ प्रमाण-पत्र की मांग कर रहे हों, तो सीधे अदालत या फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) के पास जा सकें। हमें उनसे (निहलानी) मिलने वाली बेइज्जती क्यों झेलनी चाहिए और अपना समय क्यों बर्बाद करना चाहिए?”

उन्होंने कहा, “शायद सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) से ‘बच्चों’ को बाहर निकालने और उन्हें ‘सात उचक्के’ और ‘हरामखोर’ जैसी वयस्क फिल्मों पर फैसला करने से रोकने का समय आ गया है।”

अब अनुराग सह-निर्मित ‘हरामखोर’ फिल्म भी प्रमाण-पत्र को लेकर पचड़े में फंस गई है। सुनने में आया है कि सेंसर बोर्ड ने इसे प्रमाण-पत्र देने से इनकार कर दिया है। फिल्म एक शिक्षक-विद्यार्थी के रोमांस पर आधारित बताई गई है।

अनुराग के अनुसार, प्रमाण-पत्र को लेकर हुआ हालिया विवाद एक बंदे के अहंकार का नतीजा है।

उन्होंने कहा, “वह बहुत ही अजीब आदमी हैं, जिन्हें कतई नहीं सुहाता कि कोई उनसे उनकी सत्ता छीन ले। उन्होंने चार दिनों में ‘हरामखोर’ एवं ‘सात उचक्के’ सहित कई फिल्मों को प्रमाण-पत्र देने से इनकार कर दिया।”

पूर्व में निहलानी को ‘तानाशाह’ बताने वाले अनुराग ने जोर देकर कहा, “उनका अहंकार इतना बड़ा है कि वह यह बात हजम ही नहीं कर सकते कि कोई उनसे उनकी ताकत छीन सकता है।”

अनुराग ने ‘शोला और शबनम’, ‘आंखें’ एवं ‘अंदाज’ सरीखी फिल्में बना चुके निहलानी के लिए कहा, “वह एक पुरानी सोच के व्यक्ति हैं। सिनेमा उनसे आगे बढ़ गया है..वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि अब फिल्म पर मनोरंजन करने से कहीं ज्यादा जिम्मेदारी है।”

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‘ब्लैक फ्राइडे’ और ‘गैंग्स ऑफ वासीपुर’ जैसी फिल्मों के निर्देशक फिल्मकार अनुराग कश्यप का कहना है कि हिंदी फिल्म उद्योग को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए अपनी कमर कसनी होगी, क्योंकि क्षेत्रीय सिनेमा उसके लिए लगातार ‘खतरा’ बनता जा रहा है। साथ ही हॉलीवुड भी अपनी डब्ड फिल्मों के जरिए बॉलीवुड पर कब्जा जमा सकता है।

अनुराग कश्यप ने यहां आईएएनएस से कहा, “हमें हर तरफ से खतरा है, क्योंकि हम अन्य सभी की तुलना में ज्यादा औसत दर्जे के हैं। हमें अपनी इस कमी को दूर करना होगा और अपनी कमर कसनी होगी। क्षेत्रीय सिनेमा हमारे लिए और खतरा बनेगा। बॉलीवुड को और मेहनत करनी होगी।”

उन्होंने कहा, “क्षेत्रीय फिल्मों के अलावा, हॉलीवुड भी अपना सिक्का चलाएगा, क्योंकि उन्होंने सब कुछ डब करना शुरू कर दिया है। हमें अपनी सामग्री को बेहतर बनाना होगा।”

अच्छी सामग्री से भरपूर क्षेत्रीय सिनेमा बॉक्स ऑफिस पर पैसा बटोर रहा है। ‘सैराट’ (मराठी), ‘तिथि'(कन्नड़) और ‘कम्माट्टी पादम’ (मलयालम) जैसी फिल्मों को बेहद सराहना मिल रही है।

कश्यप मानते हैं कि हॉलीवुड के विपरीत बॉलीवुड स्टार आधारित बाजार है।

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उन्होंने कहा, “पश्चिम में कई बार आपको स्टार्स की जरूरत होती है। (लेकिन) जब फिल्म बड़ी होती है, तो आप नए कलाकार को लेते हैं। हॉलीवुड में उन्हें फिल्म पर भरोसा होता है, तो वे नए कलाकार को लेते हैं। यहां जब फिल्म बड़ी होती है, तो वे स्टार को लेते हैं, क्योंकि उन्हें फिल्म पर भरोसा नहीं होता। बॉलीवुड स्टार्स से जुड़ा बाजार है।”

फिल्मकार ने यह भी कहा कि उन्हें विवाद पसंद नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट बात करता हूं। मुझे विवाद पसंद नहीं हैं। आज हर किसी के अपने विचार हैं और विचारों के सागर में विवाद महत्व नहीं रखते।”

फिल्मकार ने कहा, “मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं और मेरा ध्यान काम और मेरे परिवार पर है। अब मैं 43 का हो चुका हूं और मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ देखा है। मेरा पूरा ध्यान मेरी अपनी खुशी पर है।”

अनुराग की आखिरी फिल्म ‘बांबे वेलवेट’ को उतनी सफलता नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।

उन्होंने कहा कि उनकी बॉलीवुड यात्रा उतार-चढ़ाव भरी रही है।

फिल्मकार ने कहा, “मुझे खुशी है कि मैं अपनी यात्रा में कुछ बदलना नहीं चाहता। मैं खुश हूं, मैं जो चाहता हूं अगर मैं वह कर पाता हूं तो यह काफी संतोषजनक है। मैं अपना मालिक खुद हूं।”

अनुराग इन दिनों सीरियल किलर रमन राघव पर आधारित अपनी आगामी फिल्म ‘रमन राघव 2.0’ के प्रचार में व्यस्त हैं। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्धिकी ने कुख्यात सीरियल किलर का किरदार निभाया है।

उन्होंने कहा, “मुझे अपराध पर आधारित फिल्में बनाना पसंद है। एक निर्देशक के तौर पर मैंने यह शैली कभी नहीं छोड़ी। अपराध मुझे आकर्षित करता है।”

‘रमन राघव 2.0’ 24 जून को रिलीज होगी।

-आईएएनएस/उमा रामसुब्रमण्यम