भले ही, बॉलीवुड के ग्रीक गॉड माने जाने वाले ऋतिक रोशन मोहनजो दड़ो से दर्शकों का दिल जीतने में नाकामयाब रहे हों। लेकिन, ऋतिक रोशन की आगामी फिल्म काबिल के गाने और ट्रेलर दर्शकों के दिलों में एक रोमांटिक और एक्शन फिल्म देखने के लिए उत्सुकता जगाने में कामयाब हुए हैं।
जबकि बॉलीवुड के बादशाह माने जाने वाले शाह रुख खान अभिनीत फिल्म रईस के ट्रेलर और प्रोमो दर्शकों को लुभावने के बावजूद पूरी तरह आश्वस्त करने में नाकामयाब रहे हैं। हालांकि, शाह रुख खान का स्टारडम फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अधिक नुकसान नहीं होने देगा। लेकिन, फिल्म जगत में एक सितारे के रूप में जो शाह रुख खान का रुतबा या कद है, उसके हिसाब से रईस काफी कमजोर नजर आ रही है।
जानकारों का मानना है कि काबिल के बॉक्स ऑफिस पर सफल होने के काफी कारण हो सकते हैं, एक तो फिल्म का रोमांटिक होना, दूसरा भावनात्मक, तीसरा एक्शन और चौथा एक असहाय व्यक्ति द्वारा सिस्टम को चुनौती देकर विजय हासिल करना। जैसे रामायण को कितने बार भी बना लो, सबको पता है कि राम रावण पर विजय हासिल कर उसकी लंका जला देगा। लेकिन, फिर भी दर्शक राम का संघर्ष, राम का जीतना और रावण का अंत देखना पसंद करते हैं।
जबकि, शाह रुख खान अभिनीत रईस की कहानी इसके विपरीत है। अभिनेता शाह रुख खान फिल्म के नायक हैं, जो रईस का किरदार अदा कर रहा है। यदि ट्रेलर का गौर से विश्लेषण करें तो रईस रावण और नवाजुद्दीन सिद्दिकी राम हैं, जो रईस की लंका को राख करना चाहते हैं। भले ही रईस के अंत में रावण का वध राम कर दे। लेकिन, ढाई घंटों तक रावण का गुनगान शायद सिने प्रेमी न देखना चाहें। भले ही संजय दत्त की खलनायक और वास्तव को सिने प्रेमियों ने खूब प्यार दिया हो। हालांकि, फिल्म रईस के रोमांटिक पक्ष को भी गानों के जरिये उभारने की कोशिश की गई, जो सफल होती नजर नहीं आ रही है।
इसके अलावा, अभिनेता शाह रुख खान इस तरह की सरल कहानी वाली एक्शन फिल्मों के साथ पहले भी बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन सफल नहीं हुए। हालांकि, शाह रुख खान के नकारात्मक किरदारों को सिने प्रेमियों ने खूब सराहा और प्यार दिया है।
उसका मुख्य कारण शाह रुख खान का नकारात्मक किरदार के साथ साथ रूमानी रूप, किसी कारण से चोटिल मन, बदले की भावना शामिल होती थी, जो कहीं न कहीं, शाह रुख खान को विलेन होते हुए भी नायक के रूप में दर्शाती थी, जो रईस में नहीं हो सकता, क्योंकि यह एक असल जीवन में माफिया रहे व्यक्ति पर आधारित है। यकीनन, इस फिल्म को उसकी बायोग्राफी के रूप में देखा जाएगा।
वहीं, ऋतिक रोशन असामान्य व्यक्ति के किरदारों में डूब जाते हैं, जो सिने दर्शकों को अपने से जोड़ने में कामयाब होता है। और ऐसे में एक्शन और सच्चे प्यार का तड़का लग जाए तो मजा ही कुछ और हो जाता है। शाह रुख खान की दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, क्या थी? जरा सोचो। साधारण कहानी, परिवार और इश्क। लेकिन, इसमें एक तत्व बेजोड़ था, सच्चा प्यार, सच्ची भावनाएं और हल्का सा एक्शन।
हाल ही में रिलीज हुई आमिर खान की दंगल कुश्ती आधारित फिल्म है, फिल्म की कहानी भी काफी सरल है, कोई प्रेम कहानी नहीं। हां, इसके केंद्र में परिवार है, सपने हैं, और सच्ची भावनाएं। भारतीय सिनेमा प्रेमियों को खुल्लम खुल्ला रोमांस (बेफिक्रे) भी नहीं जंचता, उनको भावनाएं चाहिये। सिने प्रेमियों को हॉलीवुड की फिल्में अधिक नहीं लुभावती, क्योंकि मारधाड़ और भागमभाग में अटैचमेंट नहीं बन पाता। हालांकि, इसी सिनेमा प्रेमियों के वर्ग को दक्षिण भारत की डबिंग एक्शन फिल्में लुभावती हैं, क्योंकि उनमें एक्शन के साथ साथ रोमांस, भावना और एक रावण की हार शामिल होती है। और रईस एक माफिया पर आधारित है, और माफिया से भावनात्मक लगाव सिने प्रेमियों को हो जाए, ऐसा मानना थोड़ा सा मुश्किल है।
ऐसे में फिल्म रईस की ओपनिंग शाह रुख खान के स्टारडम पर टिकी है, और आगे की यात्रा फिल्म को अपने अन्य पक्षों के बल पर जारी रखनी होगी यदि बॉक्स ऑफिस पर सफलता का परचम लहराना है। जबकि ऋतिक रोशन और यामी गौतम अभिनीत फिल्म काबिल को ओपनिंग एक रोमांटिक फिल्म होने के नाते अच्छी मिलने की संभावना है। और उसके बाद इस फिल्म को भी आगे की यात्रा अपने अन्य पक्षों के बल पर जारी रखनी होगी।
यदि काबिल और रईस दोनों ने सिने दर्शकों को निराश कर दिया तो जनवरी 2017 का महीना बॉलीवुड के लिए एक असफल महीना साबित होगा क्योंकि जनवरी 2017 में रिलीज हुई किसी भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम नहीं मचाई जबकि पिछले साल जनवरी में अक्षय कुमार ने एयरलिफ्ट से सिनेमा मालिकों और सिने दर्शकों को खुश कर दिया था।
पिछले दिसंबर रिलीज दंगल ने जनवरी के शुरूआत दिनों में सिनेमा घरों में चहल पहल बनाई रखी लेकिन उसके बाद श्रद्धा कपूर व आदित्य रॉय कपूर की अभिनीत ओके जानू भी ठंडी चल रही है और दीपिका पादुकोण अभिनीत हॉलीवुड फिल्म एक्स एक्स एक्स रिटर्न ऑफ जेंडर केज का नशा भी सिने दर्शकों को चढ़ा नहीं।