सुनिधि चौहान संगीत की दुनिया जाना-माना नाम हैं। वह ‘मस्त’ फिल्म का ‘रुकी रुकी सी जिंदगी’ गाने के बाद ज्यादा लोकप्रिय हुईं। वह हिंदी गानों के साथ-साथ मराठी, कन्नड़, तेलुगू, तमिल, पंजाबी, बांग्ला, असमिया, नेपाली, उर्दू में भी गीत गा चुकी हैं। वह मशहूर पाश्र्वगायिकाओं में शुमार हैं। सुनिधि जितना अच्छा गाती हैं, उतनी ही अच्छी दिखती हैं। वह फैशनिस्टा आइकॉन भी हैं, उन्होंने साल 2013 में एशिया की ‘टॉप 50 सेक्सिएस्ट लेडीज’ में भी अपनी जगह बनाई।
सुनिधि चौहान आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। उनका जन्म 14 अगस्त, 1983 को दिल्ली में हुआ था। उनके बचपन का नाम निधि चौहान है। सुनिधि के पिता दुष्यंत कुमार चौहान भी गायक हैं। पिता ने ही उन्हें संगीत सीखने के लिए प्रेरित किया। उनकी एक छोटी बहन भी है, जिसका नाम सुनेहा चौहान है।
सुनिधि ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में ब्लूमिंग बड्स पब्लिक स्कूल से की है। उसके बाद उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित ग्रीनवे पब्लिक स्कूल में की। वह दसवीं तक ही पढ़ी हैं। बचपन से ही उनका ध्यान गायन की ओर था।
सुनिधि ने अपने करियर की शुरुआत महज चार वर्ष की उम्र में की थी। पहली बार उन्होंने दिल्ली के एक मंदिर में गाया, फिर वह प्रतियोगिताओं और स्थानीय समारोहों में गाने लगीं।
उन्होंने कई सिंगिंग बेस्ड रियलिटी शो में हिस्सा लिया। लेकिन नन्ही सुनिधि की जिंदगी तब बदली, जब टीवी एंकर तब्बसुम ने उनका गायन सुना और सुनिधि के माता-पिता को मुंबई आने के लिए कहा।
संगीतकार कल्याणजी ‘लिटल वंडर्स’ नामक एक म्युजिकल ग्रुप चलाते थे, वह इसका हिस्सा बनीं और इसकी प्रमुख गायिका बन गईं।
इसके बाद उन्होंने मुंबई आकर दूरदर्शन के रियलिटी शो ‘मेरी आवाज सुनो’ में हिस्सा लिया। इस शो को जीतकर उन्होंने लता मंगेशकर ट्रॉफी पर कब्जा किया था।
सुनिधि ने महज 13 साल की उम्र में 1996 में आई फिल्म ‘शस्त्र’ के लिए अपना पहला गीत ‘लड़की दीवानी देखो’ गाया था। 20 साल के फिल्मी करियर में सुनिधि ने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई है।
उनके गाए गीत ‘धड़क-धड़क’ (बंटी और बबली), ‘भागे रे मन’ (चमेली), ‘महबूब मेरे’ (फिजा), ‘धूम मचाले’ (धूम), ‘बीड़ी जलाइले’ (ओमकारा) और ‘चोर बाजारी’ (लव आज कल), ‘शीला की जवानी’ जैसे कई गीत काफी लोकप्रिय हुए हैं।
सुनिधि को 16 साल की उम्र में ही रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘मस्त’ के लिए ‘रुकी रुकी सी जिंदगी’ गाने को मिला। यह उस समय का सुपरहिट गाना साबित हुआ था।
सुनिधि ने पहली शादी साल 2002 में 18 साल की उम्र में नृत्य निर्देशक बॉबी खान से की थी। उनके घरवाले इस शादी के लिए बिल्कुल राजी नहीं थे, लेकिन सुनिधि ने किसी की एक न सुनी। लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक टिक न सका।
सुनिधि टेलीविजन पर प्रसारित कई सिंगिंग बेस्ड रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल 5’, ‘इंडियन आइडल 6’ की निर्णायक भी बनीं। वह ‘द वॉइस ऑफ इंडिया’ की निर्णायक भी रह चुकी हैं। वह अपने अब तक के सफर में तकरीबन 3000 से ज्यादा गाने गा चुकी हैं।
उन्होंने दूसरी शादी 24 अप्रैल, 2012 को अपने बचपन के दोस्त और संगीत निर्देशक हितेश सोनिक से की।
गायिकी में नाम कमा चुकीं सुनिधि चौहान अब एक्टिंग में डेब्यू करने जा रही हैं। जल्द ही उन्हें लघु फिल्म ‘प्लेइंग प्रिया’ में देखा जाएगा। उन्हें बचपन से ही अभिनय में दिलचस्पी रही है। उन्होंने अपना अंतर्राष्ट्रीय सिंगिंग डेब्यू ‘हार्टबीट’ एनरिक इग्लेसियस के साथ किया था।
सुनिधि चौहान सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। वह इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किं ग साइट्स के जरिए प्रशंसकों के साथ अपने विचार और तस्वीरें साझा करती हैं।
सुनिधि को 14 बार फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है। वह तीन बार अवार्ड लेने में कामयाब रही हैं। उन्होंने दो स्टार स्क्रीन, दो आइफा और एक जी सिने अवार्ड भी जीता है। इसके साथ ही उन्हें नई संगीत प्रतिभा खोज के तहत आरडी अवार्ड से भी नवाजा गया।
सुनिधि चौहान अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के बाद सोनू निगम को देती हैं।
-आईएएनएस/शिखा त्रिपाठी