Home Cine Special ‘रोमांस ऑफ किंग’ के नाम से जाने जाते हैं यशराज चोपड़ा

‘रोमांस ऑफ किंग’ के नाम से जाने जाते हैं यशराज चोपड़ा

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‘रोमांस ऑफ किंग’ के नाम से जाने जाते हैं यशराज चोपड़ा

बॉलीवुड के किंग ऑफ रोमांस यश चोपड़ा (यशराज चोपड़ा) भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन, उनकी सोच और निर्देशन सजी संवरी फिल्‍में आज भी हमारे दिलों में बसी हुईं हैं और यश चोपड़ा के अद्भुत कौशल की याद दिलाती रहती हैं।

रोमांस को पर्दे पर बड़ी संजीदगी और शालीनता के साथ रखने वाले यशराज चोपड़ा जोखिम उठाने और कुछ हटकर करने के लिए भी जाने जाते हैं। जी हां, फिल्‍म वक्‍त, जो 1965 में रिलीज हुई, इसका एक शाश्‍वत सबूत है। जब पूरा हिन्‍दी सिने जगत एक नायिका और नायक को केंद्र में रखकर फिल्‍में बना रहा था तो फिल्‍मकार यश चोपड़ा ने वक्‍त जैसी मल्‍टीस्‍टारर फिल्‍म से रूझान की दिशा ही बदल दी। कहा जाता है कि हिन्‍दी सिने जगत की पहली मल्‍टीस्‍टारर फिल्‍म वक्‍त है।

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इसके बाद यश चोपड़ा ने 1969 में इत्‍तेफाक जैसी फिल्‍म बनाकर सबको चौंका दिया था। जब उस समय की हर फिल्‍म में गानों की भरमार थी तो यश की इत्‍तेफाक में एक भी गाना न था। एक रात की कहानी इत्‍तेफाक में यशजी ने थ्रिलर का ऐसा तड़का मारा कि राजेश खन्‍ना और नंदा की गानों रहित फिल्‍म चल निकली।

फिल्‍मकार यशराज चोपड़ा ने अपने बड़े भाई से अलग होते हुए यशराज फिल्‍म्‍स की स्‍थापना की। यशराज ने खुद के बैनर तले पहली फिल्‍म दाग बनाई, जो सनफ्लॉवर से प्रेरित थी। मगर, यशराज ने गुलशन नंदा के लेखन की मदद से इसको भारतीय परिदृश्‍य के अनुकूल बनाया। 1972 के समय में दाग जैसी फिल्‍म का निर्माण करना एक जुआ खेलने जैसा था। मगर, दाग की सफलता से यशराज चोपड़ा ने साबित कर दिया था कि उनमें हर जुआ जीतने की कुव्‍वत है।

अभिनेता अमिताभ बच्‍चन को लेकर थोड़े ही अंतराल पर दीवार और कभी कभी जैसी फिल्‍में बनाकर यशराज चोपड़ा ने सिने जगत को बता दिया था कि वे एक ही समय पर अलग अलग शैली की फिल्‍में बनाने का दम रखते हैं। इसके बाद यशराज चोपड़ा राजेश खन्‍ना को भूलकर अमिताभ बच्‍चन के साथ आगे बढ़े और त्रिशूल, सिलसिला जैसी जबदस्‍त हिट फिल्‍में दी। एक के बाद एक सफल फिल्‍में देने वाले फिल्‍मकार यशराज चोपड़ा को लम्‍हे के वक्‍त फूल और कांटें से मात मिली। लेकिन, यशराज चोपड़ा ने डर जैसी फिल्‍म से पुन: वापसी की और बॉलीवुड में एंटी हीरो जैसे शब्‍द की स्‍थापना की।

इसके बाद यशराज चोपड़ा ने केवल तीन फिल्‍में निर्देशित की, जो ब्‍लॉकबस्‍टर साबित हुई, जिनमें दिल तो पागल है, वीर-जारा, जब तक है जान शामिल हैं। भले ही यशराज चोपड़ा ने डर से शाह रुख खान को एंटी हीरो के रूप में दुनिया से रूबरू करवाया हो। मगर, वह यशराज चोपड़ा और उनका प्रोडक्‍शन हाउस ही था, जिसने शाह रुख खान को पर्दे का रोमांस हीरो बना दिया। फिल्‍मकार यशराज चोपड़ा ने बातौर निर्देशक राजेश खन्‍ना, अमिताभ बच्‍चन और शाह रुख खान के साथ सबसे अधिक फिल्‍में की।

गौरतलब है कि यश चोपड़ा का जन्‍म 27 सितम्बर 1932 को लाहौर, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था। यशराज ने अपने भाई बीआर चोपड़ा और आईएस जौहर के साथ बतौर सहायक निर्देशक फिल्म जगत में प्रवेश किया। यशराज ने पहली बार 1959 में धूल का फूल का निर्देशन किया। हालांकि, यशराज चोपड़ा को 1965 में बनी फिल्म वक़्त से अपार शोहरत हासिल हुई।

यशराज को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए। बॉलीवुड जगत से फिल्म फेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के अतिरिक्त भारत सरकार ने उन्हें 2005 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया।