अभिषेक बच्चन ने बॉलीवुड में कदम लगभग डेढ़ दशक पहले ‘रिफ्यूजी’ फिल्म से रखा था। फिल्म का निर्देशन जाने माने निर्देशक जेपी दत्ता ने किया था। ‘रिफ्यूजी’ बॉक्स ऑफिस पर भले ही नहीं चली, मगर फिल्म में अभिषेक बच्चन के अभिनय को सराहना मिली।
इसके बाद अभिषेक बच्चन की कई रोमांटिक फिल्में रिलीज हुई, और फिल्मों ने पानी तक नहीं मांगा। हां मैंने भी प्यार किया, ओम जय जगदीश और मैं प्रेम की दीवानी हूं को औसतन सफलता मिली, मगर, देखने वाली बात तो यह अभिषेक की सोलो एक्टर फिल्में नहीं थीं।
अगर डेढ़ दशक के अभिषेक बच्चन के करियर पर नजर मारें तो ‘गुरू’ के अलावा अभिषेक बच्चन की सोलो एक्टर एक भी हिट नहीं।
हालांकि, मल्टीस्टारर फिल्मों में अभिषेक बच्चन के कई किरदारों को जबरदस्त सराहना मिली है।
‘युवा’ में लल्लन सिंह का किरदार, गुरू में गुरूकांत देसाई का किरदार, दोस्ताना में समीर का किरदार, बंटी और बबली में बंटी का किरदार, जमीन में एसीपी जय का किरदार, धूम सीरीज में एसीपी जय का किरदार, सरकार और सरकार राज में शंकर नागरे का किरदार, कभी अलविदा न कहना में ऋषि तिवारी का किरदार, बोल बच्चन में अब्बास अली, अभिषेक बच्चन का किरदार, हैप्पी न्यू ईयर में नंदू भीड़े और विक्की ग्रोवर का किरदार।
अभिषेक बच्चन के जितने भी किरदार हिट हुए उनमें अधिकतर गंभीर अंदाज वाले हैं, कुछेक कॉमिक हैं। रोहित शेट्टी की जमीन का एसीपी जय, धूम सीरीज में एसीपी दीक्षित बनकर निरंतर गतिवान है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अभिषेक बच्चन बेहतरीन अभिनेता हैं, मगर, उनको अपने करियर की समीक्षा करने की जरूरत है।
मैंने अभिषेक बच्चन की बहुत सारी फिल्में देखी, जिनमें हिट भी शामिल हैं और फ्लॉप भी। दरअसल, अभिषेक बच्चन मेरे पसंदीदा अभिनेताओं में शुमार हैं, रिफ्यूजी के वक्त से। जमीन तो बहुत बाद में बनी, मैंने कल्पना में अभिेषेक बच्चन और अजय देवगन को लेकर कल्पित फिल्म जिस्म का निर्माण करने की सोची थी।
दरअसल, अभिषेक बच्चन में गंभीर अभिनय करने की क्षमता है। अभिषेक बच्चन का गेटअप एंग्री यंगमैन के लिए बना है। अभिषेक बच्चन को मजबूत पटकथा वाली फिल्मों में काम करना चाहिए। साधारण रोमांटिक फिल्मों से अभिषेक बच्चन को दूरी बनानी चाहिए और सुपर हीरो के किरदार वाली फिल्मों से तो बिल्कुल दूर रहें।
अभिेषेक बच्चन की सबसे बड़ी हिट ‘गुरू’ कहलाती हैं, क्योंकि अभिेषेक बच्चन की एकलौती फिल्म है, जिसमें अभिषेक बच्चन के अलावा दूसरा दिखता ही नहीं, अद्भुत अभिनय। अभिेषेक बच्चन को घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि बॉलीवुड में बहुत सारे सितारे चालीस के बाद ही हिट हुए हैं और अभिषेक बच्चन चालीस प्लस होने जा रहे हैं।
बच्चन परिवार के पास आर. बाल्की जैसे सधे हुए निर्देशक हैं और खुद फिल्म निर्माण करने की क्षमता। अभिेषेक बच्चन को दक्षिण फिल्मों पर नजर दौड़ानी चाहिए और किसी बेहतरीन फिल्म का रीमेक बनाकर स्वयं को बतौर सोलो एक्टर उतराने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।
घायल वन्स अगेन भले ही बॉक्स ऑफिस पर कमाई के बड़े आंकड़े को नहीं छू पाई, मगर, अभिनेता सनी देओल को पुन:जीवित कर गई। अभिषेक बच्चन आगे बढ़ें और भावना से लबरेज एक्शन भरपूर दबंग किरदार भूमिका को चुनें और छा जाएं। वैसे हाउसफुल 3 आ रही है।