Thursday, December 5, 2024
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मूवी रिव्‍यू : बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया, लव शब और जमाना

फिल्‍मकार शशांक खेतान, जो हम्‍पटी शर्मा की दुल्‍हनिया जैसी मनोरंजक फिल्‍म बनाकर सिने प्रेमियों का दिल जीत चुके हैं, द्वारा निर्देशित और वरुण धवन व आलिया भट्ट अभिनीत फिल्‍म बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया सिनेमा घरों में पहुंच चुकी है।

सीधे शब्‍दों में कहें तो बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया एक मनोरंजक और बॉलीवुड मसाला फिल्‍म है। हालांकि, इस फिल्‍म के जरिये शशांक खेतान ने कुछ सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करने की कोशिश की गई है। ऐसा भी नहीं कि ऐसे मुद्दों को पहले नहीं उठाया गया। लेकिन, इस बार एक मसाला फिल्‍म के साथ बात रखने की कोशिश की जा रही है।

इस फिल्‍म की खूबियों की बात करें तो वरुण धवन और आलिया भट्ट समेत अन्‍य कलाकारों का अभिनय भी जबरदस्‍त है। फिल्‍मकार शशांक खेतान का निर्देशन भी बेहतरीन है। सिनेमेटोग्राफी बेहद बढ़िया है। कहानी के अनुसार संगीत भी बुरा नहीं है।

फिल्‍म की कमियों की बात करें तो फिल्‍म के दूसरे हिस्‍से में कसावट की कमी महसूस होती है। वरुण धवन के किरदार को थोड़ा सा और बेहतरीन तरीके से लिखा जा सकता था।

फिल्‍म की पृष्‍ठभूमि में एक छोटा शहर रखा गया है और उस पृष्‍ठभूमि पर विदेही जैसी एक लड़की, जो पुराने ढर्रे पर जीने को तैयार नहीं है, विशेषकर वैवाहिक जीवन।

वहीं, दूसरी ओर वरुण धवन एक ऐसा लड़का है, जो आम ही छोटे शहरों के गली मोहल्‍लों में मिल जाएगा। बेचारा बड़ी मुश्‍किल से लड़की को शादी करने के लिए तैयार करता है और वह भी शादी के मंडप से भाग जाए तो कैसी हालत होगी आशिक? जरा सोचिये, और जानने के लिए बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया देखिये।

फिल्‍म में शशांक खेतान ने लव शब के अलावा उस जमाने को दिखाने की कोशिश की है, जो अभी लड़कियों को लड़कों से कमतर समझता है। जिस तरह के माहौल में हम जी रहे हैं, शायद, उसके हिसाब से फिल्‍म बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया एक बड़े तबके को पसंद आएगी।

पिछले दिसंबर में आई आमिर खान की फिल्‍म दंगल की तरह यह भी एक परिवारिक और भावनात्‍मक फिल्‍म है। ऐसी फिल्‍मों के लिए भारतीय सिने प्रेमियों का दिल हमेशा से उदार रहा है। होली के इस मौसम में बद्रीनाथ की दुल्‍हनिया देखकर नि:संदेह आप अपने दिल के गालों पर हंसी, गमी और भावनाओं का गुलाल लगा सकते हैं।

हमारी ओर से बद्रीनाथ की दुल्हनिया को घूंघट चुकाई की रस्‍म के मौके पर पांच सितारों में से साढ़े तीन सितारे शागुन के तौर पर दिए जाते हैं।

प्रभात, मुम्‍बई।

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