हेट स्टोरी सीरीज की सफलता से विश्वसनीय निर्देशक बन चुके विशाल पंड्या अपनी नई सस्पेंस थ्रिलर फिल्म वजह हो तुम के साथ बड़े पर्दे पर दस्तक दे चुके हैं। चलिये जानते हैं कि कसावट के साथ फिल्म बनाने वाले फिल्मकार विशाल पंड्या की नई फिल्म दर्शकों की कसौटी पर खरी उतरती है या नहीं।
फिल्म वजह तुम हो की कहानी शुरू होती है लाइव मर्डर से। एक ख़बरिया चैनल पर मुम्बई के एक पुलिस अधिकारी की हत्या का सीधा प्रसारण होता है। इस प्रसारण को चैनल का मालिक राहुल ओबरॉय (रजनीश दुग्गल) रोकने में असफल रहता है। इस मामले की जांच कर रहा एसीपी कबीर देशमुख (शर्मन जोशी) चैनल मालिक राहुल को शक के आधार पर हिरासत में लेता है।
लेकिन, राहुल की कानूनी सलाहकार सिया (सना खान) राहुल को पुलिस से बचा लेती है। दिलचस्प बात तो यह है कि सिया उस लड़के रणवीर (गुरमीत चौधरी) से प्यार करती है, जो मुंबई पुलिस की तरफ से केस लड़ रहा है।
उधर, जांच के दौरान कबीर के हाथ एक बड़ा सुराग लगता है, जो पुलिस अधिकारी की हत्या का राज खोल सकता है। लेकिन, कबीर के पहुंचने से पहले उसकी हत्या हो जाती है और उसका भी लाइव प्रसारण होता है। अब कहानी उलझने लगती है। इस उलझन को विशाल पंड्या अपने किरदारों के साथ मिलकर किस तरह सुलझाते हैं, देखने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्मकार विशाल पंड्या ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सस्पेंस थ्रिलर बनाने का तर्जुबा उनके पास काफी बेहतरीन है। छोटे कलाकारों को लेकर भी एक बड़ी फिल्म तैयार की जा सकती है। निर्देशन में कसावट नजर आती है। फिल्म दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब रहती है।
दरअसल, वजह तुम हो किसी एक की वजह से अच्छी फिल्म है, यह कहना तो नइंसाफी होगी क्योंकि इस फिल्म का हर किरदार दमदार है। और हर कलाकार ने अपने स्तर पर अच्छा ही नहीं बहुत अच्छा काम किया है। सना खान, गुरमीत चौधरी, शरमन जोशी और रजनीश दुग्गल का अभिनय देखने लायक है। फिल्म का संगीतक पक्ष भी काफी बेहतरीन है। बैकग्राउंड म्यूजिक पर भी अच्छा काम किया गया है।
फिल्म में अधिकतर मसाला काल्पनिक होता है। यदि फिल्म भी असल जिंदगी सी हो जाए तो दस्तावेजी कहलाती है। इस फिल्म में यदि आप दिमाग लगाने जाएंगे तो यकीनन मजा नहीं आएगा क्योंकि कल्पना कहती है कि ऐसा हो सकता है, वास्तव में जैसा नहीं हो सकता।
हमारी तरफ से वजह तुम हो को पांच में से तीन दिए जाते हैं। हालांकि, यह हमारी निजी राय है, जो हर किसी पर लागू नहीं होती क्योंकि हर किसी का अपना अपना नजरिया होता है।