नई दिल्ली| एक्स्ट्रीम मेटल (संगीत शैली) के संगीत बैंड ‘डेमोनिक रेजरेक्शन’ के लिए ड्रम बजाने वाले मुंबई के ड्रमर वीरेंद्र कैथ का कहना है कि पिछले कुछ वर्षो में भारत में संगीत के परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है और अब काफी बैंड्स को रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो की सुविधा मिल जाती है।
संगीतकार ने संगीत की दुनिया में खुद को डुबो देने से पहले बीपीओ में अपने करियर की शुरुआत की थी। वह ‘युनाइटेड स्पिरिट्स’ द्वारा लॉन्च किए गए एक नए मंच ‘सिग्नेचर स्टार्टअप’ में भी दिखाई दिए थे।
कैथ 16 वर्षो से भी ज्यादा समय से ड्रम बजा रहे हैं।
कैथ ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में अपने स्कूल के दिनों की यादें ताजा करते हुए कहा, “जब मैं स्कूल-कॉलेज में था, तब मेरे पिता मुझे इंजीनियर बनाना चाहते थे। तब करियर के ज्यादा विकल्प नहीं थे। मैंने अपनी पहली नौकरी एक कॉल सेंटर में की थी। उस समय भारत में कॉल सेंटर उद्योग फल-फूल रहा था। लोगों के मन में संशय था कि उन्हें इसमें जाना चाहिए या नहीं। इसलिए मैंने इसमें हाथ आजमाया, लेकिन अब मैं लोगों को करियर के तौर पर विभिन्न काम करते देखता हूं।”
कैथ ने उस समय को भी याद किया जब स्टूडियो की कमी के कारण बैंड्स के लिए संगीत रिकॉर्ड करना मुश्किल होता था।
उन्होंने कहा, “मैं कई ऐसे लोगों को जानता हूं जिन्होंने अपने घर में रिकॉर्डिग स्टूडियो स्थापित किए हैं, जहां वे विज्ञापन, जिंगल्स आदि रिकॉर्ड करते हैं। पहले केवल बड़े स्टूडियो ही उपलब्ध थे जो रिकॉर्डिग के लिए 2,000 रुपये प्रति घंटे से भी ज्यादा लेते थे। अब सब कुछ आसानी से उपलब्ध है।”
हालांकि कैथ ने साथ ही कहा कि आज भी पूर्णकालिक संगीतकार बनना आसान नहीं है।
एक ऐसे देश में जहां हिंदी फिल्म संगीत ही ज्यादा पसंद किया जाता है, हैवी मेटल जैसी शैली का संगीत प्रचलित होना आसान नहीं है। बैंड्स को इसके लिए काफी निवेश करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, “मेटल (संगीत शैली) आज भी इतना फायदेमंद नहीं है। आपको अपने बैंड में काफी निवेश करना पड़ता है। हमें वह संगीत पसंद था और हम उसे बेहद शौक से बजाते थे। लेकिन बाद में यह एक व्यवसाय की तरह बन गया, जहां हम लाइव शोज करके इसमें बने रहने और कुछ पारिश्रमिक कमाने की कोशिश कर रहे हैं।”
इन वर्षो में बैंड ने वैकन ओपन एयर (जर्मनी) ब्लडस्टॉक ओपन एयर (ब्रिटेन) और सोनिस्फेयर(ब्रिटेन) जैसे वैश्विक हैवी मेटल फेस्टिवल्स में प्रस्तुतियां देकर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है।
कैथ का कहना है कि बैंड हर शो से धनराशि जुटाता है और उसे अपनी अगली अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल करता है।
अंतर्राष्ट्रीय टूर आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद हो यह जरूरी नहीं, लेकिन कैथ के मुताबिक वह यह इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें दर्शकों के सामने लाइव प्रस्तुति देना पसंद है।
कैथ ने कहा, “इसी प्रकार हमारा काम चलता रहता है। हम एक और टूर की योजना बना रहे हैं। हम हर साल यह करते हैं। केवल अपने जुनून के कारण हम बिना कुछ सोचे-समझे ऐसा करते हैं।”
भारत जैसे देश में जहां आज भी सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक की नौकरी का प्रचलन है, कैथ का कहना है कि ऐसा काम ढूंढ़ना भी जरूरी है, जिससे बैंड के खर्च उठाए जा सकें।
उन्होंने कहा, “हमारे बैंड में हम सभी एक पूर्णकालिक काम के तौर पर करने की कोशिश कर रहे हैं। साहिल कई अन्य काम भी करते हैं। वह एक कुकिंग शो करते हैं, वह फरतदोस (संगीत उपकरणों के भारतीय ऑनलाइन खुदरा विक्रेता) के लिए भी काम करते हैं। पहले वह अपने कार्यालय में जाकर भी काम करते थे, लेकिन अब वह घर में रहकर काम कर सकते हैं। हम और लोगों को भी यही सलाह देते हैं। आप कोई ऐसी चीज करें जो आपके लिए सुविधाजनक हो ताकि आप वह भी कर सकें जो आपका शौक है।” (आईएएनएस/अंकित सिन्हा)