कोलकाता। पिछले दिनों सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने एक प्रेस वार्ता के दौरान भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में बड़े परिवर्तन होने के संकेत दिए थे। अब फिल्मकार गौतम घोष का नया बयान भी अरुण जेटली के संकेतों पर पक्की मोहर लगाता जा रहा है।
गौरतलब है कि फिल्मकार श्याम बेनेगल के नेतृत्व वाली भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सुधार समिति ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपकर फिल्मों पर कैंची चलाए बिना उनके प्रमाणन की सिफारिश की है।
समिति के सदस्य फिल्मकार गौतम घोष ने जानकारी देते हुए कहा, “इस स्थिति को बदलने की कवायद जारी है। इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली भी आगे आए हैं। मैं आधिकारिक तौर पर सब कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मैं समिति का हिस्सा हूं, लेकिन भविष्य में..कैंची चलाए बिना फिल्मों के प्रमाणन की सिफारिश की गई है। यह एक बड़ा कदम होगा..बिना कैंची का।”
समिति के अन्य सदस्यों में अभिनेता कमल हासन, फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा, एड गुरु पीयूष पांडे, फिल्म आलोचक भावना सोमैया और एनडीएफसी की प्रबंध निदेशक नीना लठ गुप्ता शामिल हैं।
बेनेगल समिति ने 26 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंपकर सरकार से ‘फिल्मों के प्रमाणन का एक समग्र ढांचा’ तैयार करने का आग्रह किया था।
जेटली ने गुरुवार को कहा था कि मंत्रालय जल्द ही फिल्म प्रमाणन बोर्ड की वर्तमान प्रणाली में कुछ आमूल-चूल परिवर्तनों की घोषणा करेगी। यदि सरकार सुधार समिति की सिफारिशों को मान लेती है तो निर्माता निर्देशकों के अच्छे दिन आ सकते हैं।
मगर, Filmikafe टीम सदस्यों का मानना है कि आजादी के साथ साथ जिम्मेदारी भी आती है, ऐसे में निर्माता निर्देशकों को भी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत रहेगी।
-आईएएनएस