मुम्बई। इस दीवाली बॉक्स ऑफिस पर शिवाय और ए दिल है मुश्किल एक साथ दस्तक देंगी। एक तरफ अकेला अजय देवगन और दूसरी तरफ करण जौहर, ऐश्वर्या राय बच्चन, अनुष्का शर्मा, रणबीर कपूर जैसे बड़े नाम।
अभिनेता अजय देवगन अकेले इसलिए हैं क्योंकि फिल्म शिवाय में निर्देशक, निर्माता और अभिनेता अजय ही हैं। बाकी सब नये चेहरे हैं। जबकि ए दिल है मुश्किल में करण जौहर जाने माने विश्वसनीय फिल्मकार हैं। अभिनेत्री ऐश्वर्या राय की सुंदरता व अभिनय क्षमता के साथ बच्चन परिवार का टैग है। अनुष्का शर्मा हाल में सुल्तान से तहलका मचा चुकी हैं। रणबीर कपूर कपूर खानदार का खूबसूरत चिराग है, जिसका शहरी क्षेत्र में फैन फोलियो अच्छा है।
फिल्म ‘ए दिल है मुश्किल’ का संगीत बेहतरीन है। शहरी संगीत प्रेमियों को अपना दीवाना बना चुका है। हालांकि, संगीत पक्ष शिवाय का काफी कमजोर है। गायक कैलाश खेर की आवाज में तेरे नाल इश्का छोड़कर बाकी सारे गाने कामचलाउ हैं। हां, शिवाय का एक्शन पक्ष मजबूत है। एक्शन सीनों को एक बड़े पैमाने पर पसंद किया जा रहा है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि करण जौहर का फैनफोलियो केवल मल्टीप्लेक्स पहुंच क्षेत्रों, विदेश और विकसित शहरों तक सीमत है। लेकिन, ऐश्वर्या राय बच्चन की खूबसूरती भारत भर में लोकप्रिय है और रणबीर कपूर के साथ एश्वर्या राय बच्चन के गर्मागर्म दृश्य सब को प्रभावित किए हुए हैं। ऐसे में छोटे शहरों में भी, जहां सिंगल स्क्रीन सिनेमा घर हैं, ए दिल है मुश्किल को अच्छे दर्शक मिल सकते हैं।
हालांकि, सिंगल स्क्रीन थिएटरों में अजय देवगन की फिल्म शिवाय के लिए ताबड़तोड़ भीड़ जुटने की बात को नकारा नहीं जा सकता। इसके पीछे का मुख्य कारण अजय देवगन का सालों का कमाया हुआ फैनफोलियो है, जो रोमांस से ज्यादा एक्शन को पसंद करता है। और अजय देवगन की शिवाय दिलवाले और दिलजले वाले अजय देवगन की याद दिलाती है। ऐसे में सिंगल स्क्रीन के लिए अजय देवगन की शिवाय जैकपॉट साबित हो सकती है।
इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि पहले दिन दोनों फिल्मों को जबरदस्त समर्थन मिलेगा क्योंकि दोनों फिल्मों के लिए लोगों में क्रेज है। लेकिन, मल्टीप्लेक्स और विकसित शहरों में टिकेगी वो ही फिल्म जिसकी कहानी और प्रस्तुतिकरण बेजोड़ होगा। मीडिया रिव्यू से ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन शहरी क्षेत्रों में फिल्म समीक्षकों की समीक्षा से काफी कुछ बदल सकता है।
FilmiKafe की टीम का मानना है कि दोनों फिल्में शुरूआती दिनों में काफी अच्छा बिजनस करेंगी क्योंकि सिने प्रेमी त्योहार के मौके पर परिवार के साथ सिनेमा घर तो जाएंगे। यदि उनको किसी एक फिल्म का हाउसफुल मिलता है तो यकीनन वह दूसरी देखने का मौका नहीं छोड़ेंगे।
अन्य बातें
करण जौहर की फिल्म ए दिल है मुश्किल के लिए कुछ शरारती तत्व दुष्प्रचार अभियान चलाकर मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। जैसा शाह रुख खान की दिलवाले के साथ हुआ। आमिर खान की दंगल के साथ हो सकता है।
कुछ कट्टर देशभक्त (जो अफवाहों का शिकार हो चुके हैं) सिने प्रेमी अजय देवगन की शिवाय को फेवर करेंगे। फिल्म शिवाय के पक्ष में सोशल मीडिया पर सकारात्मक ट्रेंड आदि भी चल सकता है। सोशल मीडिया का प्रभाव हम सब जानते हैं।
मौखिक प्रचार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। त्योहार के मौके पर ज्यादातर सिनेमा घरों में सिने प्रेमी परिवार समेत जाते हैं। ऐसे में कम बोल्ड सीनों वाली फिल्म को तरजीह दी जाएगी, जो सिने प्रेमियों के मौखिक प्रचार पर निर्भर करेगा। यदि शाह रुख खान अब तक दीवाली पर ब्लॉक बस्टर फिल्में देने में सफल हुए हैं तो उसके पीछे पारिवारिक फिल्में मुख्य कारण हैं।