बॉलीवुड की फिल्मों में अदालत कक्ष के अंदर काले कोट वालों की नोक झोंक के सीन तो दर्शकों को आम ही देखने को मिल जाते हैं। लेकिन, ऐसी फिल्में बहुत कम बनीं हैं, जिसमें फिल्म के मुख्य किरदार ने काले कोट में कोर्ट के अंदर खड़े होकर अपनी वकालत का लोहा मनवाते हुए सिने प्रेमियों से तालियां बटोरी हों।
पिछले साल रिलीज हुई नवोदित फिल्मकार अनिरुद्ध रॉय चौधरी निर्देशित फिल्म पिंक में अमिताभ बच्चन ने काले कोट में कोर्ट रूम के अंदर खड़े होकर जो दलीलें अपने क्लाइंट के पक्ष में दी। उन दलीलों ने जज साहब का ही नहीं बल्कि सिने प्रेमियों का भी दिल जीत लिया और फिल्म पिंक देश में चर्चा का विषय बन गई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के इस किरदार को हमेशा याद किया जाएगा।
जैसे आज भी सिने दर्शक साल 1993 में आई फिल्मकार राजकुमार संतोषी निर्देशित फिल्म दामिनी के सनी देओल को भूल नहीं सके। जब भी कभी अदालत की बात चलती है तो सनी देओल का संवाद लोगों की जुबान पर आ ही जाता है, तारीख पे तारीख। सनी देओल का वो अदालत के अंदर काले कोट में किया उम्दा अभिनय सनी देओल के किरदार को हमेशा के लिए अस्मरणीय बना गया।
इतना ही नहीं, इससे पहले अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी फिल्म मोहन जोशी हाजिर हो के जरिये 1984 में काले कोट में अपने अभिनय का लोहा मनवाया था। इस फिल्म का निर्देशन सईद अख्तर मिर्जा ने किया था। फिल्म मकान मालिक और किरायेदार के बीच की लड़ाई पर आधारित थी। यह फिल्म जॉली एलएलबी की तरह व्यंगात्मक शैली की थी जबकि दामिनी और पिंक की शैली एक सी है, गंभीर, बहुत गंभीर।
कॉमेडी फिल्मों के लिए प्रख्यात निर्देशक अभिनेता जोड़ी डेविड धवन और गोविंदा ने साल 2001 में फिल्म क्यों कि मैं झूठ नहीं बोलता से कोर्ट ड्रामे को बाखूबी प्रस्तुत किया था। काले कोट में कोर्ट के अंदर गोविंदा का वकील रूप दर्शकों को लुभावने में कामयाब रहा था। दरअसल, यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म लायर लायर से प्रेरित थी।
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इसके पश्चात साल 2004 में निर्देशक अब्बास मस्तान की जोड़ी एतराज फिल्म से अदालतीय घमसान लेकर आए थे। फिल्म एतराज में अभिनेत्री करीना कपूर ने एक दमदार वकील की भूमिका निभाते हुए आरोपी पति अक्षय कुमार को अदालत से बाइज्जत बरी करवाकर सिने प्रेमियों को दिल जीत लिया था। यौन शोषण पर आधारित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी।
एक लंबे अर्से बाद 2013 में सिने दर्शकों को सुभाष कपूर ने अपनी कम बजट फिल्म जॉली एलएलबी से कोर्ट रूम ड्रामा दिखाया। इस फिल्म में अरशद वारसी और बोमन ईरानी के जबरदस्त अभिनय ने फिल्म को जबरदस्त सफल दिलाई। उसी सफलता का नतीजा है कि सुभाष कपूर अब अक्षय कुमार को लेकर अदालत पहुंच रहे हैं।
अब जब 2017 आ चुका है तो अभिनेता अक्षय कुमार जॉली एलएलबी 2 के रूप में कोर्ट पहुंच रहे हैं। अक्षय कुमार सिल्वर स्क्रीन पर 10 फरवरी 2017 को काले कोट कोर्ट के अंदर अपने अभिनय का लोहा मनवाते हुए नजर आएंगे। हालांकि, अक्षय कुमार कितने सफल होते हैं, यह तो फिल्म रिलीज के बाद ही पता चलेगा। लेकिन, सवाल तो यह है कि क्या अक्षय कुमार सिल्वर स्क्रीन के पुराने दमदार वकीलों की कतार में खड़े नजर आएंगे या उनसे भी एक कदम आगे होंगे?
हालांकि, परेश रावल अभिनीत फिल्म ओह माय गॉड, अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रुस्तम और अभिषेक बच्चन अभिनीत गुरू भी अदालतीय सुनवाई आधारित फिल्में थी। लेकिन, इन फिल्मों के मुख्य सितारे पेशेवर वकील नहीं थे, केवल उन्होंने अपने अपने केसों का नेतृत्व करने का विकल्प चुना, या अपने पक्ष को इस तरह रखा कि कोई वकील भी नहीं रख सकता था। दलीलें इतनी मजबूत थी कि सिने दर्शकों को सीट से खड़े होकर तालियां बजानी पड़ी।