मुंबई। निर्देशक हंसल मेहता का कहना है कि उनकी फिल्मों को इसलिए अलग माना जाता है क्योंकि वह अपनी फिल्मों के जरिए कोई कहानी कहने की कोशिश करते हैं। जबकि अन्य सामान्य फिल्मों में कोई कहानी नहीं होती।
हंसल ने ‘कशिश फिल्म समारोह’ के मौके पर कहा, “मैं कोई कहानी कहने की कोशिश करता हूं। मेरी फिल्में कई बार अलग मानी जाती हैं क्योंकि हमारी सामान्य फिल्मों में कोई कहानी नहीं होती। इसलिए जब फिल्म में कोई कहानी होती है, वह आपको अलग लगती है।”
हंसल ने हालांकि ‘वुडस्टॉक विला’ और ‘राख’ जैसी पारंपरिक थ्रिलर फिल्में और ‘ये क्या हो रहा है’ जैसी सेक्स कॉमेडी फिल्म भी निर्देशित की है, लेकिन उनकी आखिरी तीन फिल्मों ‘शाहिद’, ‘सिटी लाइट्स’ और ‘अलीगढ़’ ने उन्हें अलग पायदान पर खड़ा कर दिया है।
इन फिल्मों को आलोचकों ने बेहद सराहा है।
हालांकि उनकी आखिरी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली।
अपनी इन लीक से हटकर फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में फिल्मकार ने कहा, “मैं पूरी ईमानदारी से फिल्म बनाने की कोशिश करता हूं। लेकिन अगर दर्शक इसे बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं बनाते तो मुझे लगता है कि कहीं न कहीं यह फिल्म से ज्यादा दर्शकों की असफलता है।”
-आईएएनएस