Movie Review पैडमैन : अक्षय कुमार की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक

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कुछ साल पहले फिल्म गुरू से मणि रत्नम ने गुरूभाई के किरदार से मिलवाया था, जो कारोबार की दुनिया में अमिट छाप छोड़ने को उतावला था। पैसा कमाने की अजब सी धुन सवार थी।

कई सालों बाद अब फिल्मकार आर बाल्की पैडमैन से लक्ष्मी चौहान को सिने प्रेमियों को रूबरू करवा रहे हैं, जिसके सिर पर घर की लक्ष्मियों को स्वस्थ जीवन देने की धुन सवार है, जो लक्ष्मी के पीछे नहीं भागता।

फिल्म पैडमैन की कहानी लक्ष्मी नामक युवक के इर्दगिर्द घूमती है, जो नवविवाहित है और अपनी पत्नी गायत्री से बेशुमार प्यार करता है। लक्ष्मी एक बार अपनी पत्नी को मासिक धर्म के दौरान गंदा कपड़ा इस्तेमाल करते हुए देख लेता है। इसके बाद लक्ष्मी उसके लिए बाजार से सैनिटरी पैड खरीदकर लाता है।

सैनिटरी पैड महंगा होने के कारण उसकी पत्नी मना कर देती है। ऐसे में लक्ष्मी के सिर पर सस्ता पैड बनाने का भूत सवार हो जाता है, जो उससे उसकी पत्नी, उसका परिवार और गांव तक छीन लेता है।

लक्ष्मी के सपने को हकीकत में बदलने के लिए लक्ष्मी के जीवन में एक युवती का प्रवेश होता है। परी नामक युवती की मदद से लक्ष्मी देश भर में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपने कार्य के लिए प्रसिद्ध हो जाता है।

निर्देशक आर बाल्की का काम काफी शानदार और सराहनीय है। फिल्म का स्क्रीन प्ले बड़ी खूबसूरती के साथ लिखा गया है। फिल्म का संपादन भी प्रशंसनीय है। फिल्म के चुटीले संवाद खूबसूरत स्क्रीन प्ले को और खूबसूरत बना देते हैं।

अभिनय की बात करें तो अक्षय कुमार ने ग्रामीण और प्रगतिशील सोच के व्यक्ति के किरदार को बहुत ईमानदारी के साथ निभाया है। राधिका आप्टे का संजीदा अभिनय फिल्म की जान है। सोनम कपूर की प्यारी सी मुस्कान और चुलबुलाहट फिल्म को हृदयस्पर्शी बनाती है। आर बाल्की के लिए सौभाग्य मार्का बन चुके अमिताभ बच्चन अतिथि भूमिका में प्रभावित करते हैं।

तकनीकी पक्षों की बात करें तो फिल्म पैडमैन का बैकग्राउंड म्यूजिक और फिल्मांकन दोनों ही खूबसूरत हैं। गानों का भी अच्छे तरीके से इस्तेमाल​ किया गया, जो फिल्म के माहौल को रंगीन बनाते हैं।

यह कहना गलत नहीं होगा कि पैडमैन अक्षय कुमार की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है। फिल्म पैडमैन ने अक्षय कुमार का बतौर अभिनेता कद बढ़ाया है और कहीं न कहीं इस फिल्म से अक्षय कुमार 1990 के दशक के सलमान खान और शाह रुख खान की लीग में पहुंच चुके हैं, जो पारिवारिक फिल्मों से घर घर के चहेते बन गए थे।

फिल्म पैडमैन के अंत में अरुणाचलम मुरुगनांथम की तस्वीर आती है, जो असल जीवन का लक्ष्मी चौहान है। दरअसल, अरुणाचलम मुरुगनांथम पर ट्विंकल खन्ना ने एक शॉर्ट स्टोरी द सैनिटरी मैन आॅफ सेक्रिड लैंड लिखी थी, जिसका विस्तार पैडमैन है।

​: कुलवंत हैप्पी