‘फितूर’ की फिल्म समीक्षा

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निर्देशक अभिषेक कपूर की फितूर बड़े पर्दे पर आ चुकी है। इस फिल्म में आदित्य राॅय कपूर, कटरीना कैफ एवं तब्बू मुख्य भूमिका में है।

चार्ल्स डेकन के उपन्यास ‘द ग्रेट एक्सपेक्टेशन्स’ से प्रेरित फिल्म ‘फितूर’ की कहानी कश्मीर जैसे रूमानी स्थल को केंद्र में रखकर तैयार की गर्इ है। बेगम हजरत (तब्बू) अपने बड़े आलीशान बंगले में रहती हैं। बेगम प्यार में धोखा खाने के बाद काफी क्षुब्ध हो जाती हैं एवं प्यार से विश्वास उठ जाता है। मगर, बेगम की बेटी फ़िरदौस (कटरीना कैफ) को बचपन के दोस्त नूर (आदित्य रॉय कपूर) से प्यार हो जाता है। जो बेगम को नागवार गुजरता है। एक योजना के तहत बेगम, फ़िरदौस को पढ़ाई के लिए विदेश भेज देती है। फिर दोनों किस तरह मिलते हैं ? कहानी कैसे आगे बढ़ती है ? जानने के लिए फितूर देखनी होगी।

‘काय पो छे’ एवं ‘राॅक आॅन’ जैसी फिल्म बना चुके निर्देशक अभिषेक कपूर फितूर बनाते हुए थोड़ा सा उलझे हुए नजर आए। फिल्म में कश्मीर की वादियों को देखना सुखद अनुभव हो सकता है। इसके अलावा फिल्म में आपको पकड़ने रखने जैसा कुछ नहीं है। फिल्म का क्लार्इमेक्स मजेदार नहीं है। जैसे कि हम जानते हैं कि क्लार्इमेक्स ही फिल्म का दिल होता है।

बेगम के किरदार में तब्बू को देखना अच्छा अनुभव रहेगा। उन्होंने अपने किरदार को पूरी शिद्दत के साथ निभाया है। तब्बू के हवा भाव देखने लायक हैं। आदित्य रॉय कपूर और कटरीना कैफ ने सहज अभिनय किया है। #filmikafe समीक्षक की दृष्टि से फिल्म को अधिक बेहतर बनाया जा सकता था। फिल्म की पटकथा पर काम करने की जरूरत थी। संगीत एवं वादियों के दृश्य अच्छे हैं।

#filmikafe समीक्षक की तरफ से 1.5 से 2 ** दिए गए हैं। यह फिल्म समीक्षक की निजी राय है, जो सभी पर लागू नहीं होती।