Movie Review: विजय देवरकोंडा और रश्मिका मंडाना अभिनीत डियर कॉमरेड (हिन्‍दी डब)

0
927

भारत कम्‍मा निर्देशित डियर कॉमरेड, (मूल रूप से तेलुगू फिल्‍म) का शुरूआती संवाद ‘हालात कितने भी मुश्किल क्यों ना हो, हमें डरना नहीं चाहिए, कभी कभी जो हमें चाहिए, उसके लिए युद्ध करना पड़ता है।’ ही इस फिल्‍म की परिणति है, परिणति माने फिल्‍म का चरमबिंदू, या अंत सार है।

डियर कॉमरेड का नायक बॉबी स्‍वभाव से काफी उग्र है, विशेषकर उस हालात में, जब उसके सामने कोई अन्‍याय कर रहा हो या चुपचाप सह रहा हो। इस बात का अंदाजा उस सीन से लगाया जा सकता था, जब छात्र आंदोलन की अगुवाई कर रहे बॉबी को अचानक पता चलता है कि आत्‍महत्‍या का प्रयास करने वाली छात्रा ने आत्‍महत्‍या का प्रयास फीस वृद्ध‍ि के कारण नहीं बल्कि अपनी निजी समस्‍या के कारण किया था।

बॉबी कितना भावुक इंसान है, इसका सबूत उसका बिगड़ा हुआ मा‍नसिक संतुलन देता है, जब उसकी हीरोगिरी के कारण उसकी प्रेमिका उसको छोड़कर चली जाती है। शेर सा साहस और जिगरा रखने वाला बॉबी शेर की तरह दहाड़ता ही नहीं बल्कि दो कदम पीछे हटकर लंबी छलांग मारने का दम भी रखता है। उसकी यह विशेषता उसको मनोविकार से बाहर खींचकर एक नये जीवन में प्रवेश करवाती है।

बॉबी कॉलेज का हीरो लड़का है, जो छात्रों के हकों के लिए कुछ भी कर सकता था। मारपीट करने में भी अव्‍वल दर्जे का है और प्‍यार में भी यकीन रखता है। उसको पड़ोस में रहने वाली जया की छोटी बहन लिली से मुहब्‍बत हो जाती है, हालांकि, वो लिली के प्‍यार में पड़ने से पहले जया को भी प्रेम पत्र लिख चुका होता है।

बॉबी और लिली छोटी मोटी नोक झोंक करते हुए एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। लिली बॉबी के दिल में घर कर जाती है। हालांकि, शुरूआती सीनों में लिली इस मेल जोल को सामान्‍य समझती है। लेकिन, धीरे धीरे लिली को भी प्‍यार का एहसास महसूस होने लगता है। लेकिन, एक दिन लिली बॉबी को उसके उग्र रवैये के कारण छोड़कर चली जाती है। उसके बाद लिली कभी बॉबी से नहीं मिलती और उसका फोन तक नहीं उठाती। सदमे में बॉबी का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है, और वो अपने दादा के बताए हुए रास्‍ते पर चलते हुए अपने जीवन को पुन:ट्रैक पर ले आता है।
लगभग तीन साल बाद एक अस्‍पताल में बॉबी जया से मिलता है, जो अपनी छोटी बहन लिली की देखभाल कर रही है और लिली मानसिक असंतुलन से जूझ रही है। यह बात बॉबी को पता चलती है। लिली की हालत बॉबी से देख नहीं होती, दोस्‍तों की मदद से बॉबी लिली को अस्‍पताल से उठवा लेता है।

और उसको स्‍वस्‍थ करके उसके घर छोड़ देता है। लिली के दिल में बॉबी के प्रति फिर से प्‍यार उमड़ने लग है। लिली बॉबी से शादी करना चाहती है। लेकिन, बॉबी अब खुद की भावनाओं पर काबू पाना सीख चुका है। वो लिली की बातों को गंभीरता से नहीं लेता। उसको केवल क्रिकेट और भविष्‍य पर ध्‍यान केंद्रि‍त करने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन, लिली क्रिकेट के मैदान में वापस जाने के लिए तैयार नहीं।

इस दौरान अचानक एक‍ दिन बॉबी का सामना लिली की सहेली से होता है, जो उसको एक ऐसे सच से रूबरू करवाती है, जो बॉबी के भीतर सो चुके पुराने बॉबी को जगा देता है। बॉबी अपने पुराने अवतार में लौटता है, और दक्षिण क्रिकेटर अकादमी के चेयरमैन की धुनाई कर देता है। इसके बाद मामला खुलकर सामने आता है। पता चलता है कि दक्षिण क्रिकेटर अकादमी के चेयरमैन ने लिली के साथ अभद्र व्‍यवहार और उसका यौन उत्‍पीड़न किया है, जिसके कारण उसकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा।

बॉबी पुलिस शिकायत दर्ज करवाता है, लेकिन, लिली उसकी मदद करने से इंकार कर देती है। पारिवारिक दबाव के चलते किसी और से शादी करने का फैसला करती है। उधर, दक्षिण क्रिकेटर अकादमी के चेयरमैन अपने रुतबे और पॉवर का इस्‍तेमाल करते हुए बॉबी को पुलिस से उठवा लेता है। मीडिया में आने के कारण बीसीसीआई भी इस मामले में कूद जाता है। सुनवाई के दौरान लिली बॉबी का साथ देने की बजाय दक्षिण क्रिकेटर अकादमी के चेयरमैन के पक्ष में गवाही दे देती है।

लिली ऐसा क्‍यों करती है? क्‍या बॉबी लिली को माफ कर पाएगा? इसके बाद सिस्‍टम बॉबी के साथ क्‍या व्‍यवहार करेगा? जानने के लिए डियर कॉमरेड देखनी होगी।

विजय देवरकोंडा बॉबी के किरदार में एकदम फिट बैठते हैं। रश्मिका मंडाना ने लिली का किरदार बड़ी खूबसूरती के साथ अदा किया है। फिल्‍म के अंत में रश्मि‍का मंडाना का भावुक अभिनय आंखों को नम कर जाता है। डियर कॉमरेड का अंतिम सीन मन को झिंझोड़कर रख देता है। दोनों ही कलाकारों ने यहां पर अपना शत प्रतिशत दिया है। जया के किरदार में श्रुति रामचंद्रन का काम उल्‍लेखनीय है। खूबसूरत चेहरा और मुस्‍कान दोनों ही आंखों के रास्‍ते दिल में उतरते हैं।

फिल्‍म निर्देशक भारत कम्‍मा का निर्देशन बेहतरीन है। हालांकि, स्‍क्रीन प्‍ले में काफी झोल है, जो आपके मन में सवाल पैदा कर सकता है। लेकिन, फिल्‍म के अंत में भारत कम्‍मा दिल जीत लेते हैं। फिल्‍म के संवाद और सीन बेहतरीन हैं, जो आंखों और कानों को स्‍क्रीन से चस्‍पा रखते हैं।

यदि आप हमेशा एक बेहतरीन एक्‍शन रोमांटिक ड्रामा फिल्‍म देखने के मूड में रहते हैं, तो डियर कॉमरेड आपके लिए एक बेहतरीन फिल्‍म साबित हो सकती है।