होस्टल लाइफ का इक अपना ही मजा होता है, चाहे वो लड़कों की हो या लड़कियों की। गर्लियापा प्रोडक्शन तले बनी गर्ल्स होस्टल लड़कियों के होस्टल की रोचक और साहस भरी दुनिया से पहचान करवाती है।
गर्ल्स होस्टल की कहानी शुरू होती है ऋचा और उसकी रूममेट मिली से। ऋचा गर्ल्स होस्टल कहानी की सूत्रधार है, जो अपनी कहानी अपनी जुबानी बयान करती है।
ऋचा की गर्ल्स होस्टल वाली कहानी में सबसे रोचक और दिलचस्प किरदार है मिली। मिली एक ऐसी लड़की है, जो रोमांच से भरी है, जो किसी चीज में ज्यादा दिमाग नहीं लगाती, बस जिंदगी को चिल करती है, जो दूसरों को थोड़ी सी सिल्ली या इडियट लग सकती है।
तीसरा किरदार जो का, जो ऋचा और मिली की नयी रूममेट है और होस्टल की दबंग रोउड़ी गर्ल का है। जो से कोई पंगा नहीं लेताा, केवल जाहिरा के अलावा, जो फिलहाल जो की सबसे बड़ी विरोधी है, कभी दोस्त हुआ करती थी।
होस्टल की मौज मस्ती, साहस और शोर शराबे भी लाइफ में जाहिरा और जो की दोस्ती और दुश्मनी की भी अपनी एक अलहदा रोचक कहानी है, जो वेब सीरीज खत्म होने तक भी सस्पेंस तले रहती है।
लेकिन, वेब सीरीज के शुरूआती एपिसोड होस्टल की छोटी मोटी समस्याओं और आपसी तकरार में गुजरते हैं, जहां पर मिली की अजीब हरकतें और रिएक्शन्स से पूरा पूरा मनोरंजन करते हैं। ऋचा केवल होस्टल के रोचक किस्सों को बयान करती है, जो कहानी में दिलचस्पी बनाए रखने वाले एलिमेंट्स को खत्म नहीं होने देते हैं।
कहानी तब काफी संजीदा और गंभीर हो जाती है, जब होस्टल की वार्डन एक लड़की तारा के गर्भवती होने के कारण होस्टल में सख्ताई बरतना शुरू करती हैं। वार्डन का यह कदम जो और जाहिरा के गैंग को एक करता देता है। यह दोनों गैंग मिलकर होस्टल से आधी रात को फरार होने का प्लान बनाते हैं।
होस्टल का नया गार्ड काफी रोचक किरदार है, जो कुछ मिनटों के लिए स्क्रीन पर आता है, जो वार्डन की हां में हां मिलाते हुए चुटीला संवाद, हम शक्ल से बिकाउु दिखते हैं, लेकिन हैं नहीं, बोलते ही दिल जीत लेता है।
जो के हाथ लगे मॉनोलॉग काफी शानदार हैं, विशेषकर वो, जो जो आधी रात को भागने का प्लान एग्जीक्यूट करते समय वार्डन के हत्थे चढ़ने के बाद, ‘लड़कियों के लिए यह दुनिया सेफ नहीं, यार नहीं है तो बनाओ ना, बंद करके क्यों रखा है’ बोलती है।
ऋचा और मिली की जोड़ी अपने होस्टल में पुरानी होती जा रही है। ऋचा को जो से बड़ी और ताकतवर बनना है, इतना ही नहीं, वो जो को अपने रूम से बाहर निकालना चाहती है, जो अवैध रूप से उसके रूम में घुसी हुई है। ऐसे में ऋचा मिली के साथ मिलकर एक प्लान बनाती है, ताकि जो को वापस जाहिरा के रूम में भेजा जाए।
इसके लिए जो और जाहिरा की दोस्ती करवानी होगी और उसके लिए ऋचा और मिली को मिलकर उनके झगड़ने की जड़ खोजनी है, जो गुरप्रीत नामक एक होनहार छात्रा तक पहुंचती है। गुरप्रीत भी कहानी का खूबसूरत पात्र है, लेकिन, इस पर अंत तक रहस्य बना रहता है।
गर्ल्स होस्टल के पहले सीजन का अंत अराव और ऋचा की पहली रोमांटिक मुलाकात पर होता है, जो मिली के कारण रोमांटिक होने की जगह बातूनी और जानकारी एकत्र करने वाली होकर रह जाती है। रोमांटिक डेट को लेकर रोमांचित अराव एक और मुश्किल में फंसने जा रहा है।
सिमरन नेतकर, जो मिली के किरदार में है, ने शानदार अभिनय किया है, जो इस सीरीज की हीरोइन कही जा सकती हैं और नंबर दो पर श्रीसति श्रीवास्तव का अभिनय, जो दबंग और साफ सपाक लड़की के किरदार में खूब जंचती हैं। ऋचा का किरदार निभाने वाली एहसास चन्ना भी प्रभावित करती हैं। अराव ने भी अपने किरदार को बड़ी खूबसूरती के साथ प्ले किया है। वार्डन की भूमिका में तृपति खमकर भी मस्त लगती हैं। गुरप्रीत के किरदार में तिथि राज की सुंदरता और रहन सहन के तरीके दोनों ही प्रभावित करते हैं। जाहिरा अली के किरदार में पारूल गुलाटी और राम्या मंत्री के किरदार में श्रेया मेहता का काम भी अच्छा है।
इस वेब सीरीज का निर्देशन चैतन्य कुंभकोनम ने किया है। चैतन्य का काम सराहनीय लगता है। स्क्रीन प्ले काफी चुस्त है, जो बोर नहीं होने देता। चैतन्य ने कलाकारों से बेहतरीन काम लिया है। हालांकि, कहीं कहीं कहानी छोछरे से भी मैच करने लगती है।
कुलवंत हैप्पी, संपादक, हिंदी फिल्मी कैफे