सुजात सौदागर निर्देशित रॉक ऑन 2 ऐसे समय रिलीज हुई है, जब भारतीय लोगों को सिनेमा देखने की कम एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी कतार लगाने की अधिक सूझ रही है। अभिनेता फरहान अख्तर की डेब्यु फिल्म का सीक्वल आठ साल बाद रिलीज हुआ है, जो एक अच्छी फिल्म की उम्मीद इसलिए जगाता है क्योंकि हिट फिल्मों के सीक्वल जल्द ही बना लिए जाते हैं।
क्या आठ साल सिल्वर स्क्रीन पर आया रॉक ऑन का सीक्वल मजेदार है? क्या रॉक ऑन 2 अपनी मूल फिल्म से बेहतरीन साबित होगी? चलो इन सवालों के जवाब के लिए आगे बढ़ते हैं।
फिल्म की कहानी आदि की है, जो आत्मग्लानि से भरा हुआ है और मेघालय की वादियों में रहने लगा है। आदि के जीवन में जिया का प्रवेश होता है, जो बिखरे हुए बैंड को जोड़ने और आदि को आत्मग्लानि से बाहर लाने का काम करने लगता है।
फिल्म की कहानी अभिषेक कपूर, जो रॉक ऑन के निर्देशक और लेखक हैं, ने पबली चौधरी के साथ मिलकर लिखी है। इस कहानी में संगीत से अधिक भावनात्मक पहलू जोड़ दिए गए जैसे कि वैवाहिक जीवन के उतार चढ़ाव, आदि का जन कल्याण, पिता पुत्री का विवाद आदि।
रॉक ऑन को संगीत के लिए जाना जाता है। हालांकि, हाल ही में एक इंटरव्यू दौरान फरहान अख्तर ने कहा था कि रॉक ऑन के गाने बाद में हिट हुए थे। लेकिन, सच तो यह है कि रॉक ऑन 2 में शंकर अहसान लॉय का संगीत अपना जादू छोड़ने में विफल रहा है। इस फिल्म में अधिकतर गाने स्वयं श्रद्धा कपूर ने गाए हैं।
सुजात सौदागर का निर्देशन बेहतरीन है। हालांकि, पटकथा की कमजोरियों के कारण कहीं कहीं निर्देशक जूझते हुए नजर आएं हैं। फरहान अख्तर का अभिनय अद्भुत है। श्रद्धा कपूर को इस किरदार के लिए याद रखा जा सकता है। पूरब कोहली समेत अन्य कलाकारों का अभिनय बेहतरीन है।
यदि आप रॉक ऑन को ध्यान में रखते हुए संगीत के लिए रॉक ऑन 2 देखने जा रहे हैं तो बॉस सॉरी। हां, यदि आप भावनात्मक रिश्तों के तानों बानों में कुछ करने के जोश की तड़प को, दोस्तों के बिखराव मिलन को देखना चाहते हैं तो रॉक ऑन 2 बुरा सौदा नहीं होगा।
हमारी तरफ से इस फिल्म को पौने तीन स्टार दिए जा रहे हैं, पांच स्टार में से। हालांकि, यह हमारी निजी राय है, जो सभी पर लागू नहीं होती क्योंकि हर किसी का अपना अपना नजरिया होता है।