Tuesday, January 14, 2025
HomeLatest NewsWeb Series Review : 'द कसीनो - माय गेम माय रूल्‍स'

Web Series Review : ‘द कसीनो – माय गेम माय रूल्‍स’

‘द कसीनो – माय गेम माय रूलस’ एक खूबसूरत, शातिर और चालबाज कसीनो डांसर की कहानी है, जो अपने तिकड़म लगााकर काठमांडू के सबसे महंगे कसीनो की मालिकन बन जाती है।

इस कसीनो का मालिक शैलेंद्रसिंह मारवाह है, जो काठमांडू के रईस और पॉवरफुल लोगों में शामिल है। शैलेंद्र मारवाह का एक बेटा विक्‍की मारवाह है, जिस पर उसकी पूर्व प्रेमिका की हत्‍या का आरोप है और एक बेटी है, जो मानसिक तौर पर ठीक नहीं है।

मारवाह के कसीनो पर रेहाना की ही नहीं बल्‍कि मारवाह के पार्टनरों की भी निगाह है। ऐसे में मारवाह परिवार पर ख़तरे के बादल मंडराने लगते हैं। पहले मारवाह की बीवी की हत्‍या होती है और बाद में मारवाह को भी कोई गुप्‍त दुश्‍मन मरवा देता है।

मारवाह की दोनों हत्‍याओं को सुलझाने के लिए ईमानदार पुलिस अधिकारी राम सक्रिय होता है। इस मामले को सुलझाने के लिए राम कमिला खुराना का इस्‍तेमाल करता है।

राम मरवाह के हत्‍यारों तक पहुंच पाएगा या नहीं? एक कसीनो डांसर कसीनो मालिकन कैसे बनती है? जैसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए द कसीनो देखनी होगी।

‘द कसीनो’ की शूटिंग नेपाल में हुई है। नेपाल के स्‍थलों की खूबसूरती का अच्‍छा इस्‍तेमाल हुआ है। वेब सीरीज का फिल्‍मांकन अच्‍छा हुआ है। भले ही वेब सीरीज की पृष्‍ठभूमि नेपाल हो, पर, वेब सीरीज के ज्‍यादातर हिंदी बोलते हैं।

करणवीर बोहरा ने सीधे सरल और विनम्र युवक के किरदार को बाखूबी निभाया है। चालबाज और कपटी हसीना के रूप में मंदाना करीमी का जवाब नहीं है। कुछ जगहों पर तो आपको मंदाना करीमी से नफरत भी होने लगेगी। रईस कसीनो मालिक का किरदार सुधांशु पांडे जैसी शख़्सियत को शूट करता है। कमिला खुराना के किरदार में इंद्रिता रॉय का अभिनय शानदार है। रिया मरवाह के किरदार में खूबसूरत पूजा बनर्जी भी बढ़ि‍या लगती हैं। पुलिस अधिकारी राम के किरदार में धनवीर सिंह का रौब पड़ता है।

निर्देशक हार्दिक गज्‍जर और वेब सीरीज संपादक को थोड़ी से और मेहनत करने की जरूरत है। वेब सीरीज के एक्‍शन सीन फर्जी लगते हैं, विशेषकर गोलीबारी वाले सीन। वेब सीरीज का क्‍लाईमेक्‍स अच्‍छा है। कसीनो में डांस होगा तो गाना बजाना भी होगा, इसलिए गानों पर भी बेहतर काम करने की जरूरत है।

वैसे तो ‘द कसीनो – माय गेम माय रूलस’ में नया कुछ नहीं है, यदि आपको अपराध, रोमांच और चालबाजियों से भरी फिल्‍में, सीरियल और वेब सीरीज देखने का शौक है, तो आप इसको देख सकते हैं। वेब सीरीज के शुरूआती कुछ एपिसोड्स थोड़े से धीमी गति वाले हैं, जो जमीन तैयार करते हैं, जहां पर चालाकियां, धोखेबाजियां, छलावे, साजिशें बोई जा सकें और वेब सीरीज के अंतिम एपिसोड में उनकी कटाई का काम शुरू होता है और एक नए सस्‍पेंस के साथ वेब सीरीज का अंत कर दिया जाता है।

वेब सीरीज में खून ख़राबा और हत्‍याएं होती हैं, पर, पुलिस केवल मारवाह के केस की तहकीकात पर ध्‍यान केंद्रि‍त रखती है। इस बात को लेकर कोई सवाल न उठाएं, क्‍योंकि वेब सीरीज में केवल निर्देशक और लेखक के नियम लागू होते हैं, असल जीवन के नहीं।

Kulwant Happy
Kulwant Happyhttps://filmikafe.com
कुलवंत हैप्‍पी, संपादक और संस्‍थापक फिल्‍मी कैफे | 14 साल से पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय हैं। साल 2004 में दैनिक जागरण से बतौर पत्रकार कैरियर की शुरूआत करने के बाद याहू के पंजाबी समाचार पोर्टल और कई समाचार पत्रों में बतौर उप संपादक, कॉपी संपादक और कंटेंट राइटर के रूप में कार्य किया। अंत 29.01.2016 को मनोरंजक जगत संबंधित ख़बरों को प्रसारित करने के लिए फिल्‍मी कैफे की स्‍थापना की।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments