त्वरित टिप्‍पणी : सिने जगत में भाई-भतीजावाद पर बहस निरर्थक

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हाल ही में करण जौहर, सैफ अली खान और वरुण धवन ने इंटरनेशनल इंडियन फिल्‍म अकेडमी अवार्ड्स समारोह के दौरान कंगना रनौट पर चुटकी लेते हुए Nepotism (भाई भतीजावाद) की बहस को एक बार फिर से हवा दे दी। Nepotism के हिंदी में काफी अर्थ निकलते हैं, जैसे कि कुनबा-परस्ती, स्वजन पक्षपात और भाई-भतीजावाद, हालांकि, चर्चित शब्‍द भाई-भतीजावाद ही है।

इस मामले में ओपन लेटर का दौर शुरू हो चुका है।  इस मामले में सैफ अली खान का खुला पत्र आता है, तो बदले में दूसरा प्रकाशन समूह कंगना रनौट को खुला पत्र लिखने के लिए आमंत्रित कर लेता है। है ना दिलचस्‍प मामला!।

हालांकि, सिने जगत में भाई भतीजावाद पर बहस करना निरर्थक है। ऐसा इसलिए लगता है, यदि आप में प्रतिभा है, तो आपको कंगना रनौट बनने से कोई नहीं रोक सकता। यदि आप प्रतिभाहीन हैं तो आप स्‍टार परिवार प्रभाव के कारण इंडस्‍ट्री में बने तो रहेंगे, लेकिन, नतीजा कुछ भी नहीं निकलेगा और आपके कारण कुछ निर्माता निर्देशक पैसा लगाकर डूबते रहेंगे।

और सिनेमा कारोबार बन चुका है, ऐसे में भाई भतीजावाद ही काम करता है। इसमें बुरी बात भी क्‍या है? यदि करण जौहर वरुण धवन, आलिया भट्ट को लांच करना चाहते हैं, तो उनका यह निजी फैसला है, क्‍योंकि पैसा भी करण जौहर का लगने वाला है, कोई सार्वजनिक संस्‍थान का नहीं।

जैसा कि हम जानते हैं सिनेमा कारोबार है, और कारोबार में फायदा नुकसान पहले देखा जाता है। यदि किसी स्‍टार किड की एंट्री प्रोफिटेबल है, तो लॉन्‍च करने में किसी को कोई हर्ज नहीं होगा। हर बार स्‍टार किड की एंट्री लाभदायक रहे, यह जरूरी नहीं।

सलमान खान ने आदित्‍य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली और सुनील शेट्टी की बेटी आथिया शेट्टी को फिल्‍म हीरो से लॉन्‍च किया। फिल्‍म बॉक्‍स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी, ऐसे में नुकसान निर्माता का, फिल्‍म वितरकों का हुआ।

यदि ध्‍यानपूर्वक देखें तो बॉलीवुड में हर साल कई नये चेहरे बॉक्‍स ऑफिस पर दस्‍तक देते हैं, उनमें से इक्‍का दुक्‍का को छोड़कर सभी के सभी गैर फिल्‍मी परिवारों से आते हैं। हालांकि, गैर फिल्‍मी परिवारों से आए कलाकारों के साथ एक दिक्‍कत रहती है कि यदि उनकी एक दो फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर गिर गई, तो उनको काम मिलना मुश्‍किल हो जाएगा।

इसका कारण भाई भतीजावाद नहीं बल्‍िक निर्माताओं का नफा नुकसान जुड़ा होता है। बॉलीवुड में बहुत सारे स्‍टार किड्स हैं, जो डेब्‍यु के वक्‍त तो बड़े धूमधाम से उतारे गए, लेकिन, उसके बाद गायब हो गए।

सिने जगत में भार्इ भतीजावाद पर बहस करना केवल सुर्खियों में रहने का मजेदार ट्रिक है। इसके अलावा कुछ नहीं है क्‍योंकि बॉलीवुड में दीपिका पादुकोण, अनुष्‍का शर्मा, कंगना रनौट, प्रियंका चोपड़ा, कैटरीना कैफ, सिद्धार्थ मल्‍होत्रा, जैसे बड़े नाम मौजूद हैं, जो अपने दम पर बॉलीवुड में कदम जमाए हुए हैं।

– कुलवंत हैप्‍पी

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