हिंदी फिल्म जगत भारतीय इतिहास की खुदाई में लगा हुआ है। हर कोई बेहतरीन और शानदार अनकही एतिहासिक घटना को पर्दे पर लाकर वाहवाही कमाना चाहता है। इस अभियान में कुछ को सफलता मिल रही है और कुछ को केवल अनुभव।
अक्षय कुमार अभिनीत केसरी इसी अभियान का हिस्सा है। सारागढ़ी की लड़ाई आधारित केसरी का निर्देशन अनुराग सिंह ने किया है, जो पंजाब की धरती से संबंध रखते हैं। रकीब जैसी फ्लॉप बना चुके अनुराग सिंह के कंधों पर काफी भार था। लेकिन, धर्मा प्रोडक्शन्स और अक्षय कुमार जैसे बड़े पिलरों का सहारा भी।
ऐसे में भी यदि अनुराग सिंह चूक जाते तो मुश्किल होती। लेकिन, अनुराग सिंह ने बतौर निर्देशक बेहतरीन काम करके दिखाया है। फिल्म की समय लंबाई को बनाए रखने के लिए अनुराग सिंह को कुछ कल्पनाओं का सहारा लेना पड़ा।
यदि गिरीश कोहली और अनुराग सिंह चाहते तो अक्षय कुमार के अलावा अन्य किरदारों से जुड़ी बातों को भी फ्लैशबैक के जरिये बड़े पर्दे पर रखते हुए फिल्म की कहानी को और भावनात्मक बना सकते थे।
दरअसल, फिल्म केसरी केवल युद्ध पर आधारित है। दर्शकों को युद्ध के सहारे ढ़ाई घंटों तक बांधे रखना। शायद ही किसी निर्देशक के बस में है। फिल्म की कहानी एक अबला की इज्जत बचाने से शुरू होती है और सिख समुदाय की पीठ न लगने देने पर खत्म।
36वीं सिख रेजिमेंट के 21 सिख जवान किस तरह हजारों की संख्या में किला फतेह करने पहुंची अफगान सेना टुकड़ी का सामना करते हैं, देखने लायक है। फिल्म का फर्स्ट हाफ सामान्य है जबकि सैकेंड हाफ में फिल्म जोशीली और भावनात्मक हो जाती है। फिल्म केसरी के अंतिम कुछ सीन दर्शकों को तालियां मारने पर मजबूर करते हैं और गर्व से भरते हैं।
अक्षय कुमार की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है केसरी। अक्षय कुमार ने बेहतरीन अभिनय किया है। एक्शन सीनों में अक्षय कुमार का कोई जवाब नहीं है। परिणीति चोपड़ा बीच बीच में आती हैं, दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाने और हिंदी फिल्म का एहसास करवाने। अक्षय कुमार के अलावा अन्य सिख किरदार अदा कर रहे कलाकारों ने भी बेहतरीन अभिनय किया है।
सिनेमेटोग्राफी काफी बेहतरीन है। फिल्म का गीत संगीत भी माहौल के अनुकूल है। तेरी मिट्टी गाना फिल्म की शिख़र है। पंजाबी गायक और संगीतकार बी पराक ने मनोज मुंतशिर के लिखे इस गाने को दिल से गाया है।
कुलवंत हैप्पी – Twitter