मुंबई। फिल्मकार कुणाल कोहली हालिया समय में जिस तरह से फिल्मों का प्रचार हो रहा है, उसके प्रारूप से बेहद निराश हैं। उन्हें लगता है कि सारे प्रचार कार्यक्रम अलग-अलग कलाकारों के साथ फिल्मों को बेचने के लिए एक ही तरह के होते हैं और सारे कलाकारों का प्रचार करने का तरीका भी एक जैसा ही होता है।
फिल्म ‘फिर से’ का निर्देशन करने वाले कोहली ने रविवार को ट्वीट किया, “फिल्म प्रचार को किस चीज ने पीछे धकेला है। कलाकार एक दूसरे को कितना जानते हैं इस पर प्रश्नोत्तरी? सेल्फीज? हर जगह दिखाई देना? सह-कलाकारों या प्रतिभागियों के साथ मूर्खतापूर्ण खेल?”
उन्होंने कहा कि फिल्म की गरिमा या शोभा बढ़ाने वाले प्रचार बहुत मुश्किल से देखने को मिलते हैं। सभी एक जैसे ही होते हैं। फिर सब हैरान होते है कि फिल्म की शुरुआत अच्छी क्यों नहीं हुई।
फिल्म का प्रचार करने के दौरान फिल्म बेचने के लिए कलाकारों को सिर्फ फिल्म के बारे में बात करनी चाहिए।
कोहली के मुताबिक, “प्रचार इस बारे में नहीं होना चाहिए कि आपका सह-कलाकार आपके बारे में क्या सोचता है या आपके आदतों के बारे में क्या सोचता है? इसकी परवाह कौन करता है? उस समय हैरानी होती है जब प्रचार पैसे की बर्बादी बन जाता है और वह भी गलत जगहों पर खर्च होता है। बुद्धिमानी से पैसे खर्च करें।”
-आईएएनएस