मुम्बई। निर्माता, निर्देशक, नृत्य निर्देशक और अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले गुरूदत्त आज से 54 साल पहले इसी दिन नींद में ही अलविदा कह गए थे।
टेलीफोन ऑपरेटर से नृत्य निर्देशक बने गुरूदत्त ने गायिका गीता राय के साथ 1953 में अपने वैवाहिक जीवन की शुरूआत की। लेकिन, यह वैवाहिक रिश्ता कुछ साल तक ही टिक पाया। वर्ष 1957 में गुरूदत्त और गीता दत्त की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गयी।
जानकारों का कहना है कि गुरूदत्त और गीता दत्त ने अकेले अकेले रहना शुरू कर दिया। अभिनेत्री वहीदा रहमान से गुरूदत्त की नजदीकियां रिश्ता टूटने का मुख्य कारण हैं। लेकिन, दूसरी तरफ गीता से जुदा होने के बाद गुरूदत्त टूट से गये। धूम्रपान और शराब पीना गुरूदत्त के लिए आम हो गया था।
10 अक्तूबर 1964 को अत्यधिक मात्रा मे नींद की गोलियां लेने के कारण गुरूदत्त इस दुनिया को सदा के लिये छोड़ कर चले गये। उनकी मौत आज भी सिनेप्रेमियो के लिये एक रहस्य ही बनी हुई है।
चलते चलते…
वर्ष 1959 में अपनी अंतिम निर्देशित फिल्म कागज के फूल की बॉक्स ऑफिस पर असफलता के बाद गुरूदत्त ने निर्णय लिया कि भविष्य में वह किसी और फिल्म का निर्देशन नहीं करेंगें।