मुम्बई। उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध निरंतर बदतर होते जा रहे हैं। हाल में ही भारतीय सेना ने एक खुफिया ऑपरेशन के अंतर्गत पाकिस्तानी कश्मीर में घुसकर 40 आतंकवादियों को मार गिराया और भारतीय सेना के इस दावे ने पाकिस्तानी हुकमरानों की नींद उड़ा दी है।
उरी हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की उठ रही मांग के बीच यदि भारतीय सरकार पाक के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए हिन्दी फिल्मों के पाकिस्तान में रिलीज करने पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार करती है तो पाकिस्तान के सिनेमा संचालकों की हालत पतली होने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि पाकिस्तान में सिनेमा संचालकों का 80 फीसद कारोबार केवल भारतीय फिल्मों से होता है।
पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि भारतीय फिल्मों से पाकिस्तान के सिनेमा घर चलते हैं क्योंकि पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री इतनी बड़ी या विकसित नहीं है, जो पाकिस्तान सिनेमाओं को हर हफ्ते बेहतरीन फिल्में दे सके। भारतीय फिल्मों से सिनेमा घरों में रौनक आती है।
पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री का अधिक विकसित न होना ही तो पाकिस्तानी कलाकारों को बॉलीवुड की तरफ रुख करने के लिए मजबूर करता है। लेकिन, जिस तरह का माहौल भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों बनता दिख रहा है, उसको देखकर नहीं लगता कि आने वाले दिन पाकिस्तानी कलाकारों और पाकिस्तानी सिनेमा संचालकों के लिए अच्छी ख़बर लेकर आंएगे।
हाल में दिलजीत दुसांझ की पंजाबी फिल्म अंबरसरिया और अक्षय कुमार की बेबी को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था क्योंकि पाकिस्तान का दावा था कि दोनों फिल्म में पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है।
पाकिस्तानी सिने जगत से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि यदि पाकिस्तान में भारतीय फिल्में रिलीज होने से रोक दी जाती हैं तो इससे पाकिस्तान में पायरेसी का कारोबार अपने चरम पर पहुंच जाएगा क्योंकि पाकिस्तान में बॉलीवुड सितारों के प्रशंसक बड़े स्तर पर हैं, जो हर कीमत पर अपने सितारे की फिल्म देखने के लिए उत्सुक रहते हैं।
पाकी ट्रिब्यून न्यूज सर्विस की एक रिपोर्ट अनुसार पाकिस्तान में 1947 से लेकर 2008 तक 500 के करीब सिनेमा घर बंद हुए क्योंकि पाकिस्तान में फिल्म निर्माण का कार्य उतना तेजी से नहीं हुआ, जितना कि सिनेमा घरों को जिन्दा रखने के लिए चाहिए था।
चलते चलते…
हाल में ख़बर थी कि महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर बनने वाली फिल्म ‘एमएस धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी’ को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया है। हालांकि, इस मामले पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तानी फिल्म प्रमाणन बोर्ड के हवाले से लिखा है कि दरअसल इस फिल्म को बैन करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि यह फिल्म प्रमाणन के लिए उनके पास पहुंची ही नहीं।